थीम पार्क लोकर्पण पर गर्माई राजनीति, सारंग के खिलाफ एफआईआर 

थीम पार्क लोकर्पण पर गर्माई राजनीति, सारंग के खिलाफ एफआईआर 

 भोपाल
मंत्री के पहले थीम पार्क का लोकार्पण करने वाले विधायक विश्वा स सारंग के बयान के बाद अशोका गार्डन क्षेत्र में बना विवेकानंद थीम पार्क को लेकर विवाद गहरा गया है। लोकार्पण के बाद मंत्री पीसी शर्मा और विधायक विश्वास सारंग आमने सामने आ गए हैं। थीम पार्क पर सोमवार को सीपीए (कैपिटल प्रोजेक्ट एडमिनिस्ट्रेशन) के अधिकारियों ने ताला जड़ दिया। इसके बाद दोपहर में अशोका गार्डन थाने में विधायक सारंग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। पुलिस को की गई शिकायत में सरकारी काम में बाधा डालने और जान से मारने की धमकी का विधायक पर आरोप लगाया है। 

इधर, भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने मंत्री पीसी शर्मा से अपनी जान को खतरा बताया है। बड़वाले महादेव मंदिर में भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने पीसी शर्मा से कहा कि आप तो मंत्री बन गए हो, मरवा मत देना। सारंग मंदिर में जिस समय पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे, कुछ ही दूरी पर मंत्री पीसी शर्मा भी खड़े थे। सारंग ने कहा कि मुझे जान का खतरा मंडराने लगा है। उनकी ये बात सुनने के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा मुस्कुरा कर वहां से निकल गए।

गौरतलब है कि रविवार को भाजपा विधायक विश्वास सारंग को जब पता लगा कि जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा सोमवार को विवेकानंद थीम पार्क का उद्घाटन करने वाले हैं तो सांरग ने समर्थकों के साथ पहुंच कर पार्क का लोकार्पण कर दिया था। 32 मीटर लंबे और 24 मीटर चौड़े क्षेत्र में करीब 1 करोड़ 37 लाख की लागत से बने थीम पार्क में स्वामी विवेकानंद की 10 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है।

कांग्रेस की स्तरहीन राजनीति : शिवराज 
पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि मुझे विधायक सारंग के खिलाफ कमलनाथ सरकार द्वारा की गई एफ.आई.आर. की सूचना प्राप्त हुई है। उनके खिलाफ सरकार ने धारा 353 और 327 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। नरेला विधानसभा क्षेत्र में सारंग द्वारा किए गए विकास कार्यो का श्रेय लेने का होड़ कांग्रेस सरकार कर रही है। जनता-जनार्दन सारंग के साथ है जो कि कांग्रेस को पच नहीं रहा है और उनके उपर झूठे मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। धीरे-धीरे कांग्रेस की अजब सरकार के गजब कारनामे सामने आने लगे हैं। जनप्रतिनिधि को जनता से दूर करने के प्रयास कमलनाथ सरकार कर रही है। जनप्रतिनिधि द्वारा किए गए विकास कार्यों के लोकार्पण कार्यक्रमों से उन्हें दूर रखा जा रहा है। सरकार के मंत्री सत्ता के नशे में हैं। 

कमलनाथ सरकार चुने हुए जनप्रतिनिधियों का लगातार अपमान कर रही है। उनको कार्यक्रमों में आने से रोककर जनादेश का खुलेआम अपमान कर रही है। कांग्रेस ने जनप्रतिनिधियों से उनसे उनके अधिकार छीनने का काम किया है, लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर सीधा कुठाराघात यह सरकार कर रही है।यह महज केवल एक घटना नहीं है, प्रदेश में लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से कांग्रेस की स्तरहीन राजनीति का पता चलता है। लोकतन्त्र में जनप्रतिनिधि को जनता से दूर रखकर कांग्रेस सरकार का मानसिक दिवालियापन का चेहरा उजागर हो गया है। कमलनाथ सरकार व उनके मंत्री ध्यान रखें, यह जनप्रतिनिधियों का अपमान नहीं; जनता का अपमान है, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस अगर ऐसी राजनीति करना चाह रही है तो हम यह लड़ाई जनता के साथ सड़क पर लड़ने को मजबूर होंगे।