कांग्रेस के दिग्गज नेता का नक्सलियों के साथ संबंध उजागर, कॉल लिंक हुई कंफर्म
भोपाल
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह मुश्किल में पड़ सकते हैं। चुनाव से ठीक 8 दिन पहले दिग्विजय सिंह का नाम एक बार फिर माओवादियों के साथ संबंधों को लेकर आया है। पुणे पुलिस के मुताबिक माओवादी समर्थक नेताओं के मोबाइल नंबरों की जांच के दौरान एक नंबर मिला है, जिस पर कई बार बातें हुई है, वो नंबर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का निकला है।
भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच कर रही पुणे पुलिस मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से पूछताछ कर सकती है। पुणे पुलिस के डीसीपी सुहास बावचे के मुताबिक पुलिस को कुछ ऐसे तथ्य मिले हैं जिससे उनके नक्सलियों के साथ संबंध हो सकते हैं। बावचे ने कहा कि जरूरत पड़ी तो दिग्विजय को जांच में जुड़ने के के लिए समन भी भेज सकते हैं।
एक अंग्रेजी समाचार पत्र के मुताबिक पुणे की पुलिस ने जून में माओवादी विचारक रोना विल्सन को नक्सली नेता मिलिंद टेलम्बडे ने खत लिखा था, जिसमें कहा गया था कि कई कांग्रेसी नेता हमारी मदद को तैयार हैं। इसकी जांच में पुलिस ने जब गिरफ्तार माओवादी समर्थक नेता प्रकार ऊर्फ ऋतुपन गोस्वामी और सुरेंद्र गाडलिंग के मोबाइल नंबरों की जांच की तो एक नंबर पर उनकी कई बार बात होना पाया गया। यह नंबर किसी और का नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का निकला। इसका खुलासा होते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। डीसीपी के मुताबिक यह बेहद संवेदनशील और हाईप्रोफाइल मामला है।
संबित पात्रा ने लगाए थे आरोप
इससे पहले भाजपा नेता संबित पात्रा ने आरोप लगाया था कि दिग्विजय सिंह के संबंध नक्सलियों के साथ हैं। दिग्वजय सिंह ने बीजेपी के इस आरोप पर तत्काल कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यदि बीजेपी मुझ पर नक्सली होने के आरोप लगा रही है तो सरकार मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं करती है। दिग्विजय ने कहा कि उन्हें पहले भी देशद्रोही कहा जा चुका है, इसलिए सरकार उन्हें गिरफ्तार करके बताए।
और क्या बोले दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने नक्सली कनेक्शन पर कहा कि उनके जिस फोन नंबर का जिक्र नक्सलियों के साथ आया है, वो चार साल से बंद है। आरएसएस और भाजपा मुझसे डरती है। दम है तो सरकार मुझे गिरफ्तार करके दिखाए।