दिग्विजय सिंह गिरफ़्तारी देने के लिए काफ़िले के साथ रवाना, बोले देशद्रोही का सबूत हो तो गिरफ्तार करें

भोपाल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल में अपनी गिरफ़्तारी देने के लिए कांग्रेस भवन से रवाना हुए. उनके साथ कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ है. पीसीसी चीफ  कमलनाथ ने  रैली को रवाना किया. दिग्विजय सिंह की इस रैली से नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह. ज्योतिरादित्य सिंधिया और सांसद विवेक तन्खा सबने दूरी बना रखी है. इनमें से कोई भी नेता भोपाल नहीं पहुंचा है.

रैली में समर्थकों की इतनी ज़्यादा भीड़ है कि रवानगी होते ही कार्यकर्ताओं में धक्का-मुक्की होने लगी.  सबमें  दिग्विजय सिंह से मिलने और उनके साथ चलने की होड़ थी.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान सतना में कहा था कि दिग्विजय सिंह की हरक़तें देशद्रोही के समान हैं. दिग्विजय उसी के विरोध में गिरफ्तारी देने आए हैं कि 'अगर मैं देशद्रोही हूं तो मुझे गिरफ़्तार करो'

शिवराज सिंह ने 19 जुलाई को सतना में कहा था कि दिग्विजय सिंह पर तरस आता है. उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी से निकाल दिया गया है. हिन्दू आतंकवाद का नाम देकर उन्होंने देश का अपमान किया है, आतंकवादी के घर जाना देशद्रोही की श्रेणी में आता है. ऐसे लोग छपास रोग से ग्रस्त हैं. शिवराज के इसी बयान पर दिग्विजय सिंह ने आपत्ति जताई थी और 21 जुलाई को उन्हें खत लिखा था.

दिग्विजय सिंह ने खत में लिखा था कि, 'मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मुझे 'देशद्रोही' मानते हैं. जहां तक मुझे मालूम है मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिसकी वजह से संवैधानिक पद पर विराजमान मुख्यमंत्री की नजरों में मैं देशद्रोही की श्रेणी में आता हूं. दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान के पास मेरे देशद्रोही होने के जो भी सबूत हैं उन्हें वो प्रशासन को सौंप दें, ताकि मेरी गिरफ्तारी हो सके.

रैली को देखते हुए पूरे रास्ते में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं.