देश में निशक्तजनों की होगी सीधी भर्ती, सरकार ने मांगी रिपोर्ट
रायपुर
प्रदेश में नि:शक्तजनों के आरक्षित बैकलॉग के रिक्त पदों को भरने में नाकाम विभागों के लिए आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल, दिव्यांगजन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली ने सभी प्रदेशों को राज्य में नि:शक्तजनों के लिए बैकलॉग रिक्तियों पर विशेष भर्ती अभियान चलाने को कहा था। इसके आधार पर लोक निर्माण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य विभागों ने भर्ती भी की, लेकिन अभी भी कुछ विभाग ऐसे हैं, जिनमें भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। अब सरकार ने सभी विभागों से 31 दिसम्बर तक रिपोर्ट मांगी है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट के आधार पर अफसरों की जिम्मेदारी तय होगी।
सामान्य प्रशासन विभाग ने विशेष भर्ती अभियान चलाने के लिए लंबे समय से पत्राचार कर रहा है। इसके जरिए सभी विभागों को सख्त हिदायत दी गई थी कि राज्य के गठन की तिथि से प्रत्येक संवर्ग में रिक्त पदों की गणना कर बैकलॉग के रिक्त पदों को भरा जाए। इसकी पहली रिपोर्ट 31 अगस्त को, दूसरी रिपोर्ट 15 अक्टूबर को और तीसरी रिपोर्ट देने के लिए 31 दिसम्बर तक का समय दिया गया था।
आरक्षण में एक फीसदी की हुई है वृद्धि
विभागीय सूत्रों का कहना है कि अधिकांश विभाग ने अपनी जानकारी नहीं भेजी है। इसे देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव ऋण शर्मा ने सभी संभागीय आयुक्त, विभागाध्यक्षों, कलक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पत्र लिखा कर तय समय में रिपोर्ट भेजने को कहा। सभी विभाग अपनी रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को सौंपेंगे।
प्रदेश में नि:शक्जनों के लिए 6 फीसदी आरक्षण था। अगस्त 2018 में आरक्षण को 7 फीसदी किया गया है। सभी विभागों को यह भी कहा गया है कि नए आरक्षण के हिसाब से भर्ती के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। गौरतलब है कि प्रदेश 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल 6 लाख 24 हजार 937 नि:शक्तजन है। चिकित्सीय सत्यापन के बाद 2 लाख 77 हजार 707 नि:शक्तजनों को 40 फीसदी से अधिक का विकलांगता का प्रमाण पत्र जारी किया है।