धान का समर्थन मूल्य बढ़ने के साथ शुरू हुई बिचौलियों की कालाबाजारी

धान का समर्थन मूल्य बढ़ने के साथ शुरू हुई बिचौलियों की कालाबाजारी

गरियाबंद
छत्तीसगढ़ में धान का समर्थन मूल्य बढ़ते ही इसकी बड़े पैमाने पर कालाबाजारी शुरू हो गई है. गरियाबंद में भी बिचौलिए बड़ी संख्या में सक्रिय है, जो पड़ोसी राज्य ओडिसा का धान जिले की समितियों में खपाने के लिए रोज नई तरकीब निकाल रहे हैं और जिला प्रशासन उनकी हर कोशिश नाकाम करने में जुटा है.

प्रदेश के किसानों को धान का वाजिम दाम देने के लिए सरकार ने इसकी कीमत 2500 रुपए प्रति क्विंटल तय की है, लेकिन पड़ोसी राज्य ओडिसा में धान की कीमत कम होने के कारण कुछ बिचौलिए वहां का धान यहां की समितियों में खपाने की कोशिश कर रहे हैं. ओडिसा की सीमा से लगे गरियाबंद जिले के देवभोग क्षेत्र से आए दिन धान की कालाबाजारी की खबरें सामने आ रही है.

पिछले 48 घंटे में ही जिला प्रशासन ने चार बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 45 लाख रुपए की कीमत का धान जब्त किया है. इस धान को बिचौलिए गरियाबंद की समितियों में बेचने की फिराक में थे. अधिकारियों का दावा है कि कोचिए(बिचौलिए) बड़ी मुस्तैदी से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन इन पर कार्रवाई जारी रखेगा.

धान की कालाबाजारी रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्पेशल टास्क फोर्स बनाई गई है, जिसमें खाद्य, कृषि मंडी और पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल है. टास्क फोर्स की कमान खुद कलेक्टर संभाल रहे हैं. टास्क फोर्स के अधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप धान की कालाबाजारी रोकने के लिए ओडिसा की सीमा से लगे सभी रास्तों पर उनके सदस्य मौजूद है, जो वहां से गुजरने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं और आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं.