नरेंद्र मोदी सरकार में 'लकी क्लास ऑफ 84' के अफसरों का जलवा, एनएसजी से आईबी तक के बने मुखिया

नई दिल्ली
नई दिल्ली इंटेलिजेंस ब्यूरो और रिसर्च एनालिसिस विंग यानी रॉ के नए प्रमुखों की नियुक्ति के साथ ही भारत के सुरक्षा प्रमुखों को लेकर एक रोचक संयोग देखने को मिल रहा है। एनआईए, बीएसएफ से लेकर सिविल एविएशन सिक्यॉरिटी तक में 1984 बैच के आईपीएस अफसरों का दबदबा है। यह संयोग ही है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन अथॉरिटी के प्रमुख 1984 बैच के ही हैं।
इनमें से ज्यादातर अधिकारियों को संबंधित बलों और एजेंसियों में डीजीपी के तौर पर तैनात किया गया है। यह सिलसिला 2017 में शुरू हुआ, जब 1984 बैच के असम-मेघालय काडर के अधिकारी वाईसी मोदी को सितंबर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी का महानिदेशक नियुक्त किया गया। इसके बाद कई अन्य अधिकारी नियुक्त हुए, जो 1984 बैच के ही थे। अब इन अधिकारियों को 'लकी क्लास ऑफ 84' कहा जा रहा है।
वाईसी मोदी के बाद जनवरी 2018 में तेलंगाना काडर के सुदीप लखटकिया को नैशनल सिक्यॉरिटी गार्ड का महानिदेशक बनाया गया। इसके तीन महीने बाद ही बिहार काडर के अधिकारी राजेश रंजन को अप्रैल 2018 में सीआईएसएफ का महानिदेशक बनाया गया। CISF के चीफ बनने से पहले वह बीएसएफ में विशेष महानिदेशक थे।
एक ही बैच के ये अफसर
NIA वाईसी मोदी
NSG सुदीप लखटकिया
CISF राजेश रंजन
BSF रजनीकांत मिश्रा
ITBP एसएस देसवाल
ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्यॉरिटी राकेश अस्थाना
RAW सामंत गोयल
IB अरविंद कुमार
रजनीकांत मिश्रा से अस्थाना तक 'लकी बैच 1984' यह सिलसिला आगे भी जारी रहा और 5 महीने बाद 1984 बैच के यूपी काडर के अधिकारी रजनीकांत मिश्रा को बीएसएफ चीफ नियुक्त किया गया। मिश्रा के बाद हरियाणा काडर के अधिकारी एस.एस. देशवाल को इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस का चीफ बनाया गया। आईटीबीपी के मुखिया बनने से पहले देशवाल सीमा सुरक्षा बल के चीफ थे। जनवरी में गुजरात काडर के अधिकारी राकेश अस्थाना को उड्डयन सुरक्षा निदेशालय का महानिदेशक नियुक्त किया गया।
सामंत गोयल रॉ और अरविंद कुमार बने आईबी चीफ
1984 बैच के अफसरों का यह 'लक' बुधवार को एक बार फिर नजर आया, जब पीएम मोदी ने सामंत गोयल को रॉ का चीफ बनाया और उनके ही बैचमेट अरविंद कुमार को आईबी का निदेशक नियुक्त किया।