प्रदेश को मेट्रो ट्रेन की जरूरत है या मोनो रेल की मंथन शुरू
भोपाल
मुख्यमंत्री कमलनाथ के आने के बाद एक बारफिर शहर में इस बात का मंथन शुरू हो गया है कि प्रदेश को मेट्रो ट्रेन की जरूरत है या मोनो रेल की।
भोपाल व इंदौर में मॉस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) के तहत मेट्रो ट्रेन, मोनो रेल सिस्टम ठीक रहेगा, यह तय किया जाना है। इसके लिए फिजिबिलिटी सर्वे और डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए सर्वे होगा और उसके बाद ही तय हो पाएगा कि क्या किया जाना बेस्ट होगा। हाल ही में नगरीय विकास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने मेट्रो कारपोरेशन के अधिकरियों से मिल कर इसके पावर प्रेजेन्टेशन पर गौर किया था। अब वह इसकी रिपोर्ट सीएम को देंगे।
पहले चरण में एम्स से सुभाष नगर तक 248 करोड़ रूपये में सिफ एलीवेटेड कालम और सिवल कंस्ट्रक्श्न के काम किए जाने हें। सुभाष नगर से करोंद तक बनने वाले रूट नंबर दो के शेष हिस्से के लिए टेंडर जारी होने हैं। पहले चरण में केवल 6.22 किमी में काम किया जाना है। इस पर कुल आठ स्टेशन प्लान किए गये हैं। भोपाल में पहला चरण 6962 करोड Þ की लागत से पूरा होगा। इसके लिए राज्य सरकार और केन्द्र सरकार 40 प्रतिशत अनुदान देगी बाकी राशि कर्ज से मिलनी है।