प्रवासी मजदूरों से खतरे में गांव, सरकार ने दिए कोरेंटाइन सेंटर तैयार करने के निर्देश

भोपाल
मुंबई तथा देश के विभिन्न राज्यों से एक बार प्रवासी मजदूरों की मध्यप्रदेश वापसी शुरू हो गई है। इसे देखते हुए राज्य सरकार को अब गांवों में कोरोना का खतरा नजर आने लगा है। इन हालातों को भांपते हुए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि पंचायतों में कोरेंटाइन सेंटर तैयार कराएं और मामूली लक्षण दिखने पर भी गांव में रहने वाले और प्रवासी मजदूरों की जांच कराएं।
ग्रामीणों का ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण कर प्राथमिक उपचार देने और कोरेंटाइन सेंटर बनाने को लेकर यह निर्देश सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को भी भेजे गए हैं। गुरुवार को जारी निर्देश में कहा गया है कि जिलों में जिला, जनपद और ग्राम पंचायत स्तर पर इस मामले में सतर्कता बरती जाए। पंचायतों में आशा कार्यकर्ता, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सचिव व ग्राम रोजगार सहायक के सहयोग से दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासी श्रमिकों सहित अन्य सभी ग्रामीणों पर नियमित नजर रखी जाए। इनमें कोविड 19 के कोई भी लक्षण पाए जाने पर पंचायत क्षेत्र में सरकारी भवनों में इन्हें कोरेंटाइन किया जाए।
ग्रामीणों के टीकाकरण को लेकर भी गंभीरता दिखाई जाए और जल्द से जल्द सभी का टीककरण कराया जाए। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मुंबई, महाराष्ट्र के अन्य जिलों, दिल्ली, गुजरात समेत अन्य प्रांतों में लाकडाउन की स्थिति के मद्देनजर प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी शुरू कर दी है।
प्रवासी मजदूरों के घर वापसी की स्थिति में उन्हें पंचायत स्तर पर काम सौंपकर उनकी रोजी रोटी का बंदोबस्त करने के लिए भी जिला पंचायतों को निर्देश दिए जा चुके हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के लिए पिछले साल की तरह मनरेगा और पंचायत राज की अन्य स्कीमों में इन्हें जोड़ने के लिए कहा गया है।