फिरोज-रईस सिद्दीकी की जमानत याचिका खारिज, भेजा गया जेल

रायपुर
छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ टेप के प्रमुख गवाह फिरोज सिद्दीकी को जेल भेज दिया गया है. मालूम हो कि पप्पू फरिश्ता ब्लैकमेलिंग मामला में फंसे फिरोज और उनके भाई रईस सिद्दीकी को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने फिरोज के भाई रईस सिद्दीकी को रविवार सुबह हिरासत में लिया था. दस घण्टे की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था. साथ ही पुलिस ने फिरोज के मामले में कॉमन इंटेंसन और आपराधिक षड्यंत्र रचने की अतिरिक्त धाराएं भी जोड़ी थी. रिमांड खत्म होने के बाद सिविल लाइन पुलिस फिरोज सिद्दीकी को सोमवार को कोर्ट में पेश किया था. फिरोज सिद्दीकी और उसके भाई रईस सिद्दीकी ने अलग-अलग जमानत याचिका लगाई थी. हालांकि इस बार पुलिस ने रिमांड की मांग नहीं की थी.
साल 2014 में अंतागढ़ के तत्कालीन विधायक विक्रम उसेंडी ने लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दिया था. वहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मंतू राम पवार को प्रत्याशी बनाया था. भाजपा से भोजराम नाग खड़े हुए थे. नाम वापसी के अंतिम वक्त पर मंतूराम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. इससे भाजपा को एक तरह का वाकओवर मिल गया था. बाद में फिरोज सिद्दीकी नाम से एक व्यक्ति का फोन कॉल वायरल हुआ था. आरोप लगे थे कि तब कांग्रेस में रहे पूर्व सीएम अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने मंतू की नाम वापसी कराई. टेपकांड में कथित रूप से अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के बीच हुई बातचीत बताई गई थी.