बिलासपुर उच्च न्यायालय ने दिया कमल विहार के पक्ष में फैसला
बिलासपुर
बिलासपुर हाईकोर्ट ने रायपुर प्राधिकरण की कमल विहार से संबंधित प्रकरणों में बड़ी राहत दी है। उच्च न्यायालय ने यह राहत प्राधिकरण की नगर विकास योजना 4 कमल विहार के विरुद्ध 26 दायर याचिकाओं पर दी है। इन याचिकाओं में उच्चतम न्यायालय के 2015 के निण्रय के परिपेक्ष में कमल विहार योजना में शामिल भूमियों को योजना से अलग करने का आग्रह किया गया था।
राज्य शासन द्वारा कानून में संशोधन करके छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश एमेंडमेंट एंड वेलिडेशन एक्ट 2017 पारित किया गया था। जिसे भारत के राष्ट्रपति व्दारा दी गई थी।
वहीं अब बिलासपुर हाईकोर्ट व्दारा नए एवं संशोधित कानून के परिपेक्ष में याचिकाओं को प्रचलन योग्य न पाते हुए निराकृत कर दिया है। बिलासपुर हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद संभवत: योजना में कमल विहार में भूखंड विक्रय में फिर से तेजी आएगी।
बता दें कमल विहार छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी नगर विकास योजनाओं में से एक है। जो लगभग 1600 एकड़ क्षेत्र में विकसित की गई एक विश्वस्तरीय अधोसंरचना की योजना है। कमल विहार में लगभग 8,500 भूखंड विकसित किए जा रहे हैं। योजना में लगभग 300 भूखंडधारियों ने अपना आवास बना लिया है तथा कई और मकानों का निर्माण किया जा रहा है।
योजना में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ईड्ब्लूएस तथा एलआईजी फ्लैट का निर्माण कार्य भी प्रगति में है। योजना में आवासीय के अतिरिक्त व्यावासायिक, सार्वजनिक अर्ध्द सार्वजनिक, स्वास्थ्य,शैक्षणिक प्रयोजन के बड़े–छोटे आकार के भूखंड उपलब्ध हैं।