भारती एयरटेल नए शेयर जारी कर जुटाएगी ₹ 15000 करोड़!
नई दिल्ली
भारती एयरटेल मौजूदा वित्त वर्ष में नए शेयर जारी कर 12000-15000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। यह कदम वह तीन चरणों में करीब 30000 करोड़ रुपये का फंड बनाने की रणनीति के तहत उठा रही है। उसका मकसद कर्ज और फाइनैंसिंग कॉस्ट घटाने, कैश फ्लो बढ़ाने और जरूरी कैपिटल एक्सपेंडिचर करने का है ताकि रिलायंस जियो इन्फोकॉम की ओर से छेड़ी गई प्राइस वॉर का जवाब दिया जा सके।
मामले से वाकिफ दो लोगों ने बताया कि कंपनी मौजूदा शेयरहोल्डर्स को राइट्स इश्यू या संस्थागत निवेशकों और प्रमोटरों को प्राइवेट प्लेसमेंट के विकल्पों पर विचार कर रही है। इससे जुटाई गई रकम का अधिकांश हिस्सा कर्ज चुकाने और बॉरोइंग कॉस्ट कम करने के काम आएगा। भारती एयरटेल पर 1,14,557 करोड़ रुपये का नेट डेट है। इसमें से भारतीय कामकाज के लिए बॉरोइंग अमाउंट करीब 80000 करोड़ रुपये का है। इस रकम में स्पेक्ट्रम पेमेंट्स के बकाया करीब 46000 करोड़ रुपये शामिल हैं।
एक शख्स ने बताया कि फाइनैंशल ईयर 2020 तक इस ग्रुप का कर्ज काफी कम हो जाने की संभावना है क्योंकि इसके इंटरनैशनल बिजनस पर लगभग 17500 करोड़ रुपये का रेजिडुअल डेट है। भारती एयरटेल ने घोषणा की थी कि उसकी ब्रिटेन में बनाई गई सब्सिडियरी एयरटेल अफ्रीका लिमिटेड 2019 के मध्य तक आईपीओ लाने पर विचार कर रही है। इसकी लिस्टिंग किसी अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार पर कराई जाएगी। इस आईपीओ के जरिए 1.25-1.5 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य है। इस पैसे का उपयोग अफ्रीकी सब्सिडियरी का कर्ज घटाने में किया जाएगा।
फंड जुटाने के तीसरे चरण को भारती इंफ्राटेल में इक्विटी डाइल्यूशन के जरिए अंजाम दिया जाएगा। इसका इंडस टावर्स के साथ विलय होने वाला है। विलय के बाद भारती एयरटेल के पास भारती इंफ्राटेल में 37.2 प्रतिशत हिस्सा होगा। बाजार की स्थितियों के आधार पर भारती एयरटेल 2019 के उत्तरार्ध में टावर बिजनेस में अपना हिस्सा घटाएगी। लिस्टेड कंपनी में फ्रेश इक्विटी डालने की संभावना पर भारती ग्रुप ने कॉमेंट करने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि एयरटेल अफ्रीका का आईपीओ जून 2019 में किसी समय लाने की प्रस्तावित योजना के बारे में पहले ही घोषणा की थी और भारती इन्फ्राटेल और इंडस टावर्स के विलय के संबंध में जानकारी पहले से सार्वजनिक दायरे में है।