भारतीय टीम मैनेजमेंट को वर्ल्ड कप के लिए 'त्रिमूर्ति' पर भरोसा, अनुभव आ सकता है काम

भारतीय टीम मैनेजमेंट को वर्ल्ड कप के लिए 'त्रिमूर्ति' पर भरोसा, अनुभव आ सकता है काम

नई दिल्ली
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के दूसरे वनडे में पूर्व कप्तान एमएस धोनी की मैच जिताऊ पारी ने काफी हद तक टीम इंडिया के मध्यक्रम की समस्या का हल निकाल दिया है। लंबे समय से बुरे दौर से गुजर रहे धोनी दूसरे वनडे में मैच फिनिशर की भूमिका अदा की, जिसकी उम्मीद टीम मैनेजमेंट उनसे कर रहा था। वर्ल्ड कप से पहले भारत को अब केवल 11 वनडे ही खेलने हैं।


इतने कम समय में टीम मैनेजमेंट मिडिल ऑर्डर को लेकर कोई नया प्रयोग नहीं करना चाहेगी, जहां माही के अलावा दिनेश कार्तिक और केदार जाधव जैसे बल्लेबाज भी मौजूद हैं। तीनों प्लेयर उम्र में 30 का पड़ाव पार कर चुके हैं और इंटरनैशनल क्रिकेट का इनके पास अच्छा अनुभव भी है।

नए प्लेयर्स के लिए जगह नहीं
युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत की धाकड़ बल्लेबाजी को देखते हुए कई क्रिकेट पंडित उन्हें वर्ल्ड कप टीम में शामिल करने की वकालत कर रहे हैं, लेकिन धोनी, कार्तिक और जाधव के रहते फिलहाल किसी नए खिलाड़ी की जगह टीम में बनती नजर नहीं आ रही है। जिस तरह धोनी फिनिशिंग में माहिर हैं, कुछ उसी तरह दिनेश कार्तिक ने भी पिछले कुछ मैचों में दबाव भरे माहौल में अच्छा प्रदर्शन कर टीम में अपनी जगह पक्की की है।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में जीत में जितना बड़ा योगदान विराट और धोनी का था, कुछ उतना ही अहम योगदान कार्तिक का भी रहा था। बेहद शांत स्वभाव के कार्तिक बड़े शॉट्स खेलने के साथ स्ट्राइक को रोटेट करने में भी मास्टर हैं। वहीं बेंच पर बैठे केदार जाधव अंतिम ओवरों में धमाकेदार बल्लेबाजी के लिए नाम कमा चुके हैं।

इसके अलावा वह बोलिंग भी कर सकते हैं। विराट ने जब भी उन्हें गेंद थमाई है उन्होंने अपनी फिरकी से टीम को अहम ब्रेक थ्रू दिलाया है। हालांकि उन्हें इलेवन में तभी मौका मिलेगा जब धोनी या कार्तिक में से कोई चोटिल होता है। यानी यहां मजबूत विकल्प भी तैयार है।

कप्तानी का भार करते हैं हल्का
धोनी की अहमियत केवल रन बनाने तक सीमित नहीं है। बकौल सुनील गावसकर मैदान पर माही की मौजूदगी से कप्तान विराट कोहली के कंधों का भार हल्का होता है। गावसकर ने कहा, ‘धोनी लगातार गेंदबाजों को बताते रहते हैं कि वो विशेष गेंद फेंको, बल्लेबाज क्या करने की कोशिश कर रहा है। उन्हें महसूस हो जाता है कि बल्लेबाज क्या सोच रहा है...बल्लेबाज क्या करने की कोशिश कर रहा है...क्या वह किसी तरह का शॉट लगाने की कोशिश कर रहा है।'

गावसकर ने कहा, 'धोनी निश्चित रूप से फील्ड सजाने में भी मदद करते हैं। लगता है कि विराट के लिए गेंदबाजों के साथ बात करना या स्क्वॉयर क्षेत्ररक्षकों के साथ सांमजस्य बिठाना संभव नहीं है। यहीं पर विराट को धोनी पर पूरा भरोसा होता है।’

मास्टर की भी हरी झंडी
धोनी और कार्तिक को वर्ल्ड कप प्लान में रखने के लिए सचिन तेंडुलकर ने भी हरी झंडी दे दी है। ऋषभ भले ही वनडे टीम में दस्तक दे रहे हैं, लेकिन तेंडुलकर का मानना है कि फिलहाल उन्हें इलेवन में फिट कर पाना आसान नहीं। सचिन ने कहा, ‘पंत अगर टीम में हों तो यह अच्छी बात होगी। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि यहां धोनी और कार्तिक पहले से हैं और वे बेहतर कर रहे हैं। ऐसे में अगर आप पंत को टीम में शामिल करते हैं तो फिर आपको एक बल्लेबाज या फिर एक बोलर को बाहर करना होगा।'

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हम बोलर को बाहर रखने का जोखिम नहीं उठा सकते। ऐसे में अगर वह किसी ऐसे बैट्समैन की जगह टीम में आते हैं जो गेंदबाजी नहीं कर सकता तो फिर ठीक है लेकिन अगर वह किसी ऑलराउंडर की जगह शामिल होते हैं तो फिर इसका टीम को नुकसान हो सकता है।’