महिला की आत्महत्या के मामले में पुलिस कार्यवाही और एमएलसी रिपोर्ट पेश किया जाए: हाईकोर्ट

जबलपुर
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस कर्मियों के प्रताड़ना से त्रस्त होकर एक महिला द्वारा आग लगाकर आत्महत्या करने के मामले में दायर याचिका पर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की रिपोर्ट के साथ अस्पताल की एमएलसी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है। न्यायाधीश अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाही की रिपोर्ट के साथ अस्पताल की एमएलसी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये है। याचिका पर अगली सुनवाई 21 जनवरी को निर्धारित की गयी है। भोपाल निवासी याचिकाकर्ता गीता पारधी व उसके भाई चाखू पारधी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उसकी बहन इन्दलमल पारधी ने 17 नवम्बर की दोपहर को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के पूर्व गांधी नगर पुलिस स्टेशन में पदस्थ पुलिस कर्मी जाटव, गजराज तथा संदीप ने घर आकर उसकी बहन से रिश्वत के रूप में 20 हजार रूपये मांगे थे। मांग पूरी नहीं होने पर झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी दी थी। कचरा बिनने का कार्य करने के कारण वह इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ थी। इसलिए उसने आग लगाकर आत्महत्या कर ली।
याचिका में कहा गया था कि घटना के तीन दिन पूर्व बस्ती में रहने वाली पारदी समुदाय की महिला ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा था। जिसमें उक्त तीन पुलिस कर्मियों के साथ एक अन्य पुलिस कर्मियों धीरज के नाम का उल्लेख करते हुए कहा गया था कि वह उसने उनके पतियों के साथ मारपीट करते हुए अभ्रद व्यावहार करते है। रूपये की मांग पूरी नहीं होने पर उन्हें बंद कर देते है। महिला ने मृत्यु पूर्व अपने वयान में कहा था कि पुलिस कर्मियों की प्रताड़ना से त्रस्त होकर आत्महत्या की है। याचिका में कहा गया था कि महिला को उपचार के लिए हमिदिया अस्पताल में भर्ती किया गया था और उसकी 19 नवम्बर को मौत हो गयी थी। पुलिस द्वारा चिरायु मेडिकल अस्पताल की एमएलसी पेश की गयी है। जहां महिला का उपचार नहीं हुआ है। एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि जवाब के साथ पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तक पेश नहीं की गयी है। एकलपीठ ने पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाही के दस्तावेज सहित एमएलसी की कॉफी पेश करने के निर्देश शासकीय अधिवक्ता को दिये है।