महिलाएं या पुरुष: ब्रेकअप के दर्द से पहले कौन उबर पाता है?
कहते हैं प्यार करना और प्यार निभाना दो अलग-अलग बातें हैं और कभी-कभी तमाम कोशिशों के बाजजूद रिश्ते में परेशानियां आती चली जाती हैं। जब आपके और आपके पार्टनर को ऐसा लगने लगे कि आप दोनों का साथ एक दूसरे को दर्द और तकलीफों के सिवा कुछ नहीं दे रहा है तो ब्रेकअप करना ही बेहतर होता है। लेकिन साइंस की मानें तो महिलाएं और पुरुष दोनों अलग-अलग तरीके से ब्रेकअप को देखते हैं और उससे उबरने में भी समय अलग-अलग ही लगता है। तो आखिर कौन ब्रेकअप से जल्दी बाहर आ पाता है, यहां जानें...
क्या कहती है स्टडी?
इवोलूशनरी बिहेवियरल साइंस नाम के जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में बिंगमटन यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं ने 96 देशों के 5 हजार 705 प्रतिभागियों का इंटरव्यू लिया और उन्हें ब्रेकअप से जुड़े शारीरिक और भावनात्मक दर्द को 1 से 10 से स्केल पर रेट करने को कहा। स्टडी के नतीजे बताते हैं कि महिलाओं पर ब्रेकअप यानी दिल टूटने का फिजिकली और इमोशनली दोनों ही तरह से ज्यादा नकारात्मक असर पड़ता है। स्टडी में शामिल महिला प्रतिभागियों ने ब्रेकअप से जुड़े भावनात्मक दर्द को 6.84 रेटिंग दी जबकी पुरषों ने 6.58 तो वहीं शारीरिक दर्द को महिलाओं ने 4.21 की रेटिंग दी जबकी पुरुषों ने 3.75 की।
ज्यादा कष्ट उठाने के बाद भी जल्दी उबर जाती हैं महिलाएं
आपको जानकर हैरानी होगी कि भले ही महिलाएं इमोशनली और फिजिकली दोनों ही लेवल पर ब्रेकअप के बाद ज्यादा तकलीफ उठाती हों लेकिन इस तरह के एक्सपीरियंस से जल्दी और मजबूती से उबरती भी महिलाएं ही हैं। महिलाएं जहां अपने इमोशन्स को सही तरीके से चैनलाइज कर खुद को और अपनी जरूरतों को बेहतर तरीके से समझती हैं। वहीं, पुरुष इस तरह की परिस्थिति को बिलकुल अलग नजर से देखते हैं। स्टडी की मानें तो पुरुषों का या तो ब्रेकअप से बिलकुल फर्क नहीं पड़ेगा या फिर वे खुद को समझाने के लिए ऐल्कॉहॉल, ड्रग्स या हिंसा का सहारा लेने लगेंगे।
पुरुषों को परिस्थिति से बाहर आने में लगता है ज्यादा समय
यह रिसर्च बताती है कि पुरुषों को इस तरह के ब्रेकअप से बाहर निकलकर लाइफ में आगे मूव ऑन होने में ज्यादा वक्त लगता है। अनुसंधानकर्ताओं ने यह भी महसूस किया कि बहुत से पुरुष प्रतिभागी ब्रेकअप के बाद पीआरजी यानी पोस्ट रिलेशनशिप ग्रीफ की समस्या का भी सामना करते हैं, भले ही उनका ब्रेकअप हुए 1 साल का वक्त क्यों न गुजर गया हो।