मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तिवारी ने किया जिला चिकित्सालय का निरीक्षण

सीहोर
आज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रभाकर तिवारी ने 2 जुलाई को दोपहर 12.बजे जिला चिकित्सालय, ट्रामा सेंटर तथा मातृ-शिशु स्वास्थ्य केन्द्र का सघन निरीक्षण किया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ.ए.ए.कुरैशी,आर.एम.ओ. डॉ.सुधीर श्रीवास्तव ,प्रभारी अस्पताल प्रबंधक श्रीमती संजूलता भार्गव,जिला लेखा प्रबंधक श्री रमाकांत द्विवेदी निरीक्षण के दौरान उपस्थित थे। सीएमएचओ ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केन्द्र में स्थित स्वास्थ्य संवाद केन्द्र,महिला ओपीडी,लेबर रूम,ए.एन.सी.एवं पी.एन.सी.महिला भर्ती वार्ड का सघन निरीक्षण कर साफ-सफाई सहित उपकरणों का सही रख-रखाव करने तथा रिकार्ड व्यवस्थित किए जाने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने जिला चिकित्सालय के विशेषज्ञ चिकित्सकों की बैठक ली तथा दी जा रही सेवाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रभाकर तिवारी का पदभाग ग्रहण किए जाने के उपरांत जिला चिकित्सालय एवं ट्रामा सेंटर का पहला भ्रमण था।  इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन कार्यालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की बैठक लेकर दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में आवश्यक जानाकरी प्राप्त की। उन्होंने ट्रामा सेंटर में स्थित ऑपरेशन थियेटर,इटेट वार्ड,दंत चिकित्सा वार्ड,एक्स-रे रूम,सोनोग्राफी कक्ष,महिला एवं पुरूष भर्ती वार्ड,मानसिक स्वास्थ्य उपचार कक्ष का भी सघन निरीक्षण किया। डॉ.तिवारी ने कार्यरत कर्मचारियों को कार्यालयीन समय पर सेवा पर उपस्थित होने तथा जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए। एस.एन.सी.यू.के निरीक्षण के दौरान उपस्थित चिकित्सा अधिकारी तथा नर्सिंग स्टाफ से भर्ती नवजात बच्चों की संख्या,डेथ रेट,रेफरल सहित वार्मर एवं अन्य उपकरणों से संबंधित सूक्ष्म जानकारी प्राप्त की तथा जरूरी दिशा निर्देश दिए। आईपीडी ड्यूटी कर्मचारियों से कहा इमरजेंसी ट्रे में सभी आवश्यक दवाएं,इंजेक्शन व्यवस्थित रखे जाएं जिससे आपातकालीन सेवाओं में किसी भी प्रकार की दिक्कतें ना हो इस दौरान उन्हेंने आपातकालीन ट्रे का सूक्ष्म निरीक्षण कर दवाओं की एक्सपायरी डेट भी देखी । उन्होंने कहा स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने इस दौरान बॉयोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन के संबंध में भी कार्यरत स्टॉफ से सूक्ष्म जानकारी प्राप्त की। इस दौरान जिला चिकित्सालय में मरीजों को वितरण किए जाने वाले भोजन की क्वालिटी के संबंध में मरीजों से पूछताछ कर भोजन की गुणवत्ता के संबंध में  निर्देश दिए।