मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार योजना में राज्य शासन ने किया संशोधन

भोपाल
पूर्व भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश के गरीब आदिवासी मेधावी बच्चों के लिए शुरु की गई मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार योजना में कांग्रेस सरकार ने बदलाव कर दिया है। इस योजना से अब सेंट्रल बोर्ड आॅफ सेकेण्डरी एजुकेशन और इंडियन सर्टिफिकेट आॅफ सेकेण्डरी एजुकेशन से अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को बाहर कर दिया गया है। अब केवल मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के जरिए संचालित स्कूलों के मेधावी विद्यार्थियों को ही इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
राज्य शासन ने इस योजना में संशोधन के लिए आदेश भी जारी कर दिए है। इसमें साफ कहा गया है कि मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार योजना में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की शालाओं के बच्चों को ही लाभ मिल सकेगा। शंकर शाह और रानी दुर्गावती पुरस्कार योजना में भी दसवी और बारहवी बोर्ड परीक्षा में अब मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाओं में उच्च शिक्षा से उत्तीर्ण होंने पर योग्यता वरीयता में शामिल किया जाकर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार योजना में बोर्ड परीक्षाओं में टॉप करने वाले तीन छात्रों और छह छात्राओं को बीस हजार, पंद्रह हजार और दस हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाता है। योजना में हर जिले से एक लड़के और एक लड़की को भी पुरस्कार दिया जाता है। हर ट्रायवल और हर प्रिमेटिव जिले से भी एक लड़के और एक लड़की को यह पुरस्कार दिया जाता है। पहले यह पुरस्कार सभी तरह के स्कूलों के विद्यार्थियों को मिल जाता था। लेकिन अब केवल माध्यमिक शिक्षा मंडल के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ही मिल पाएगा। इससे शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सीबीएसई और आईसीएसई संचालित स्कूलों के बच्चे इस योजना के लाभ से वंचित हो जाएंगे।