मेहुल चोकसी पर किया गया सवाल, PMO ने दिया 'चलता-फिरता' जवाब

मेहुल चोकसी पर किया गया सवाल, PMO ने दिया 'चलता-फिरता' जवाब

नई दिल्ली 
ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के 31 जनवरी 2018 को खुलासा होने से पहले ही हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की वित्तीय गड़बड़ियों की कथित तौर पर जानकारी थी.

रिपोर्ट्स में कहा गया कि PMO ने लोगों से मिली शिकायतों की सूची भी बनाई और इन्हें मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों को भेजा गया. जांच एजेंसियों के अलावा वित्त और गृह मंत्रालय से ये पता लगाने के लिए कहा गया कि मेहुल चोकसी के खिलाफ कोई जांच लंबित है या उसके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई की गई.   

इन रिपोर्ट्स में कहा गया कि ये सब 2017 में हो रहा था जब मेहुल चोकसी की ओर से एंटीगुआ और बरबूडा की नागरिकता के लिए दिए आवेदन की जांच चल रही थी.

PMO की ओर से भेजी गई चिट्ठियों का पता लगाने के लिए 'इंडिया टुडे' ने सूचना के अधिकार (RTI) एक्ट के तहत PMO को ही याचिका भेजी. हमने पूछा कि ‘क्या PMO ने गृह मंत्रालय को ये पता लगाने के लिए चिट्ठी भेजी कि 2017 में चोकसी के खिलाफ कोई जांच लंबित है या उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई? अगर जवाब हां में है तो चिट्ठी की प्रति और गृह मंत्रालय की ओर से पीएमओ को भेजे गए जवाब की प्रति उपलब्ध कराई जाए.’

 पहले सवाल पर पीएमओ से ये जवाब मिला-

‘आवेदक का सवाल खास इन्पुट्स मांगने की जगह चलते-फिरते (रोविंग) पूछताछ है. मांगी गई सूचना के विषयक स्पष्ट नहीं है. “इसलिए आरटीआई एक्ट 2005 के सेक्शन 6 (1) और सेक्शन 2 (f) के प्रावधानों के तहत आवेदक ने जो जानकारी मांगी है वो सूचना की परिभाषा के तहत नहीं आती.”, “और दूसरे सवाल का जवाब देना भी पहले सवाल के जवाब के ही संदर्भ में ‘उपयुक्त नहीं’ है".