मोदी जी, परिवार को लेकर झूठ न परोसे : कमलनाथ 

मोदी जी, परिवार को लेकर झूठ न परोसे : कमलनाथ 

 भोपाल 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी अंतिम चुनावी सभाओं में भी प्रदेशवासियों को झूठ परोस गये, गुमराह व भ्रमित करने का प्रयास कर गये। रविवार को भी उनका संबोधन प्रदेश के मुद्दों व विकास से दूर रहा। वे पिछली सभाओं की तरह झूठ पर झूठ परोसते रहे। प्रदेशवासियों को गुमराह व भ्रमित करते रहे। 
नाथ ने कहा कि आज विदिशा व जबलपुर की सभाओं में मोदी विकास के मुद्दे को छोड़, 15 साल के हिसाब की बजाय अपने परिवार को बीच में ले आये। मोदी जी, यह जान लें कि मध्यप्रदेश की जनता समझदार है, उन्हें आप अपने भाषण से गुमराह न करें। परिवार को लेकर झूठ न परोसें। किसने क्या कहा यह सच सबको पता है। विकास के मुद्दों से इस चुनाव को भटकायें नहीं, यहां वोट विकास के मुद्दों पर ही डलेंगे। कांग्रेस निरंतर सवाल पर सवाल कर रही है। 15 सालों के कामों का जवाब मांग रही है। लेकिन शिवराज व भाजपा नेता जवाब देने की बजाय झूठ पर झूठ परोसे जा रहे हैं। मुद्दों पर जवाब नहीं दे रहे हैं। 

चुनाव के मुद्दों से भटकाना चाह रहे हैं। कभी कांग्रेस के वचन-पत्र में शामिल जनहित के मुद्दों को छोड़ अन्य विषयों पर झूठा भ्रम फैलाने का प्रयास करते हैं। कभी अन्य विषयों पर समाज को बांटने का प्रयास कर उसका फायदा लेने की कोशिश करते हैं और अब जब सभी मुद्दों पर नाकामयाब हुये और प्रदेश में स्पष्ट हार नजर आ रही है तो अब झूठ व भ्रम परोसकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन प्रदेश की जनता समझदार है वो सच्चाई जानती है। भाजपा के झूठ और झांसे में आने वाली नहीं है।  नाथ ने बताया कि जबलपुर में मोदी ने खुद स्वीकार किया कि किसान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। इस सभा में उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लेकर झूठ परोसा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इस रिपोर्ट को लागू किया है, जो कि कोरा झूठ है। जुलाई 2018 में 14 खरीफ की फसलों पर एमएसपी पर डेढ़ गुना मूल्य बढ़ाकर लागू करने की घोषणा केंद्र सरकार ने की थी, जो कि किसानों के साथ बड़ा मजाक व धोखा थी। इसे ए-2  एफ.एल. आधार पर लागू किया गया था, जबकि किसानों की मांग इसे सी-2 आधार पर लागू करने की थी। मोदी जी यदि मान रहे हैं कि किसान कर्ज के बोझ तले दबा है तो उन्हें हिम्मत दिखाकर किसानों की कर्ज माफी की घोषणा भी करनी थी।