यहां ईद से पहले गुरुद्वारे में पढ़ी गई नमाज, फिर हुआ रोजा इफ्तार

यहां ईद से पहले गुरुद्वारे में पढ़ी गई नमाज, फिर हुआ रोजा इफ्तार

दुर्ग 
कहते हैं मीठी ईद की सेवईयां सारे गिले शिकवे मिटाकर भाईचारे का पैगाम देती हैं. ऐसी ही एक आपसी एकता और भाईचारे की मिसाल दुर्ग में मीठी ईद के एक दिन पूर्व देखने मिली जब सिक्ख समाज ने मुस्लिम साथियों को गुरुद्वारे के भीतर रोजा इफ्तार करवाया. सिक्ख समाज के इस कार्य ने निःसंदेह संपूर्ण देश में एकता का पैगाम देने का प्रयास किया. इसकी सभी ओर चर्चा भी हो रही है.

छत्तीसगढ़ के दुर्ग के गुरु सिंग सभा गुरुद्वारे में रोजा इफ्तार का इंतजाम बीते 4 जून की शाम को किया गया था. जिसमें सिक्ख समाज ने भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए रमजान के आखिरी रोजे पर ईफतार का कार्यक्रम आयोजित किया. इस रोजा इफ्तार कार्यक्रम में मुस्लिम साथियों ने बाकायदा गुरुद्वारे में नमाज अदा की और फिर इफ्तार का लुत्फ उठाया. सिक्ख साथियों ने भी मेहमाननवाजी में कमी नहीं की.

गुरु सिंग सभा गुरुद्वारा के महासचिव अरविंदर सिंग खुराना का कहना है कि इस कार्यक्रम से पूरे देश में एकता की मिसाल पेश करने की कोशिश की गई है. गुरु सिंग सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष तरसेम सिंग ढिल्लन का कहना है कि भारत धर्म निरपेक्ष देश है और यहां सभी एक दूसरे का त्योहार खुशी पूर्वक मनाते हैं. दुर्ग में एकता की मिसाल पेश करने के लिए ये आयोजन किया गया.

रोजेदार मो.ईरफान खान, मो. सलीम व अन्य का कहना है कि मीठी ईद सारे गिले शिकवे भुला देती है और देश में अमनो चैन का पैगाम देती है. इसी पैगाम को पूरे देश में पहुंचाने की कोशिश गुरुद्वारे में रोजा इफ्तार का आयोजन कर की गई है. जहां सिक्ख और मुस्लिम एक साथ नजर आए.