रोजी-रोटी चलाने के लिए साधु-संत अलापते हैं मंदिर का राग: राजभर

रोजी-रोटी चलाने के लिए साधु-संत अलापते हैं मंदिर का राग: राजभर

 

 
प्रयागराज 

कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि साधु-संत राम मंदिर का राग सिर्फ इसलिए अलापते हैं, क्योंकि इससे उनकी रोजी-रोटी चलती है और उनका पेट भरता है। साधु-संत न तो खेती करते हैं और न ही मेहनत का कोई दूसरा काम करते हैं। उनकी आमदनी का कोई दूसरा जरिया भी नहीं होता, इसलिए वह मंदिर राग अलापकर अपनी रोजी-रोटी का इंतजाम करते रहते हैं। मंदिर को लेकर उनके मन में कोई आस्था नहीं होती। 
 
मंत्री राजभर ने कहा कि गीता में साफ तौर पर लिखा है कि माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ी ईश्वर भक्ति है। इसलिए वह कभी मंदिर निर्माण की बात नहीं करते और अपने माता-पिता की सेवा करके ही ईश्वर की प्राप्ति कर लेते हैं। उन्होंने नसीहत दी कि मंदिर के नाम पर रोज आवाज उठाने वालों को भी गीता के इसी संदेश पर अमल करना चाहिए। 

उन्होंने साधु-संतों समेत मंदिर की मांग उठाने वालों का मजाक उड़ाते हुए कहा कि मंदिर जाने से किसी को स्वर्ग थोड़े ही मिल जाता है। प्रयागराज में मीडिया से बात करते हुए मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अगर उनके इस बयान से साधु-संत नाराज होते हैं तो भी उन्हें इसकी फिक्र नहीं होगी। साधु-संत नाराज होकर भी उनका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे। उनके मुताबिक जिन्हें आस्था मंदिर में है, वह उसके लिए आवाज उठा सकते हैं, लेकिन उनकी आस्था गरीबों-किसानों एवं परेशान लोगों में हैं, इसलिए वह उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए आवाज उठाते रहते हैं। 

राजभर ने कहा कि मेरे मां-बाप ही मेरे भगवान हैं। उन्होंने शिवसेना द्वारा अयोध्या में किए गए भूमि पूजन को भी गलत बताया और कहा कि सिर्फ वोट बैंक की राजनीति और जनता से जुड़े मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए शिवसेना ऐसा कर रही है। अगर शिवसेना की वास्तव में हिन्दू धर्म में आस्था है तो वह महाराष्ट्र में मंदिर तोड़े जाने के वक्त चुप क्यों थी। गुजरात और महाराष्ट्र में जब यूपी बिहार के लोगों को पीटा जा रहा था तब उद्धव ठाकरे चुप क्यों थे? उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को अयोध्या आकर मंदिर मुद्दा गरमाने से स्वर्ग थोड़े ही मिल जाएगा।