लोकसभा चुनाव: खुद को वोट नहीं दे पाएंगे ये सियासी सूरमा

लोकसभा चुनाव: खुद को वोट नहीं दे पाएंगे ये सियासी सूरमा

नई दिल्ली 
दिल्ली की गलियों में एक-एक वोट के लिए पदयात्रा व नुक्कड़ कर रहे प्रत्याशियों में कई ऐसे हैं, जो खुद को ही अपना वोट नहीं दे पाएंगे। क्योंकि वह जिस संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, उनका मतदाता पहचान पत्र उस लोकसीट क्षेत्र में नहीं आता है। दिल्ली के चुनावी दंगल में दो ऐसे भी उम्मीदवार हैं, जो दिल्ली में वोटर ही नहीं है। वह दिल्ली के बाहर हरियाणा और पंजाब में वोट डालेंगे।

चांदनी चौक लोकसभा से मौजूदा सांसद और भाजपा उम्मीदवार डॉ. हषवर्धन को अपना और परिवार दोनों का वोट नहीं मिलेगा। क्योंकि वह और उनका परिवार पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र से मतदाता है। इसी तरह भाजपा के ही क्रिकेट स्टार और पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से गौतम गंभीर को अपना व परिवार का वोट नहीं मिलेगा। क्योंकि वह राजेंद्र नगर इलाके से मतदाता हैं। उनका परिवार भी वहीं रहता है। हंसराज हंस पंजाब के जालंधर कैंट विधानसभा क्षेत्र से मतदाता हैं। वह दिल्ली में वोट ही नहीं कर पाएंगे। 
 

इसी तरह दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं और उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस की उम्मीदवार शीला दीक्षित खुद को वोट नहीं दे पाएंगी। क्योंकि वह निजामुद्दीन इलाके से मतदाता हैं, जो पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट के अंतर्गत आता है। कांग्रेस के ही राजेश लिलोठिया भी पटेल नगर से मतदाता हैं। वह क्षेत्र उनके उत्तर-पश्चिमी लोकसभा क्षेत्र में नहीं आता है। कांग्रेस के ही दक्षिणी दिल्ली से उम्मीदवार बॉक्सर विजेंद्र सिंह हरियाणा में वोटर हैं। अजय माकन भी पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के लिए मतदान करेंगे। वह खुद नई दिल्ली से उम्मीदवार हैं। 

‘आप’ की पूर्वी दिल्ली से आतिशी अपने लिए नहीं बल्कि नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में वोट करेंगी। वह जंगपुरा में रहती हैं, मगर उनका पता नई दिल्ली क्षेत्र में आता है। ‘आप’ के राघव चड्ढा भी राजेंद्र नगर से मतदाता हैं। वह दक्षिणी दिल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं। वह उनके लोकसभा क्षेत्र में नहीं आता है। इसी तरह नई दिल्ली लोकसभा सीट से ‘आप’ उम्मीदवार बृजेश गोयल रोहिणी में रहते हैं। वह उत्तर-पश्चिमी सीट पर आता है। उन्हें भी अपना और अपने परिवार का वोट नहीं मिलेगा।
 
क्या है नियम
लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार देश में कहीं से भी वोटर हो, वह किसी भी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ सकता है। उसके लिए उसी राज्य या लोकसभा सीट पर मतदाता होना अनिवार्य नहीं है। इसलिए हंसराज हंस और विजेंद्र सिंह पंजाब और हरियाणा का वोटर होते हुए भी दिल्ली में चुनाव लड़ रहे हैं। मगर, विधानसभा चुनाव में उस राज्य का वोटर होना अनिवार्य है। तभी वह उस राज्य में विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ सकता है।