विप्रो को हटा तीसरी बड़ी IT कंपनी बनेगा HCL
बेंगलुरु
एचसीएल टेक्नॉलजीज मौजूदा तिमाही में रेवेन्यू के आधार पर विप्रो को पछाड़कर टीसीएस और इन्फोसिस के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी बन जाएगी। इसका अंदाजा एचसीएल की ओर से बुधवार को जारी रिजल्ट में से लगाया गया जिसमें मौजूदा तिमाही में राजस्व के मोर्च पर मजबूती के प्रमाण दिए गए।
अगर कॉग्निजंट को भारतीय कंपनी माना जाए तो एचसीएल चौथी सबसे बड़ी कंपनी होगी। दरअसल, कॉग्निजंट अमेरिका में रजिस्टर्ड है लेकिन कई मायने में इसकी जड़ें भारत में हैं। इसमें ज्यादातर एंप्लॉयीज भारतीय ही हैं। आखिरी बार 2012 में भारतीय आईटी कंपनियों के पदानुक्रम में बदलाव हुआ था। तब कॉग्निजंट ने इन्फोसिस को दूसरे स्थान से हटाया था।
बुधवार को पिछली वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के परिणाम से पता चला कि एचसीएल का रेवेन्यू विप्रो से महज 2 करोड़ 40 लाख डॉलर (करीब 1 अरब 59 करोड़ रुपए) ही कम है।
दरअसल, विप्रो के दो बड़े ग्राहक दिवालिया हो गए जबकि अमेरिका में हेल्थकेयर बिजनेस के सुस्त पड़ने का भी असर उस पर पड़ा है। कंपनी ने कहा कि मौजूदा तिमाही में उसका रेवेन्यू बराबर रहेगा या 2 प्रतिशत तक कम हो सकता है। विप्रो का अनुमान है कि 2018-19 की पहली तिमाही में उसका राजस्व 2,015 से 2,065 मिलियन डॉलर (करीब 134 अरब से 137 अरब रुपए) के बीच रहेगा।
उधर, एचसीएल ने तिमाही अनुमान तो जारी नहीं किया लेकिन उसने कहा कि उसके पूरे साल के रेवेन्यू में 9.5 से 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इस हिसाब से अगर मौजूदा तिमाही में एचसीएल का रेवेन्यू 2 प्रतिशत बढ़ेगा तो आंकड़ा 2,079 मिलियन डॉलर (करीब 1 खरब 38 अरब रुपये) तक पहुंच जाएगा जो विप्रो के रेवेन्यू के पार हो जाएगा।