शानदार कलाकारों से भरा वो परिवार जो बॉलीवुड में आज भी है मिडिल क्लास

नई दिल्ली
बॉलीवुड में डेढ़ दशक से ज्यादा का समय बिता चुके शाहिद कपूर एक ऐसे परिवार से आते हैं जहां पर थियेटर, आर्ट्स और सिनेमा का कल्चर काफी समृद्ध है. पिता पंकज कपूर वरिष्ठ एक्टर हैं वही मां नीलिमा भी एक्ट्रेस रहीं. उन्होंने बिरजू महाराज से ट्रेनिंग भी ली थीं. नीलिमा ने पंकज कपूर के साथ साल 1979 में शादी रचाई थी और पांच साल बाद दोनों का तलाक हो गया था. शाहिद डिवोर्स के बाद अपनी नानी के यहां दिल्ली में रहते थे. एक मिडिल क्लास बच्चे की तरह उनकी परवरिश हुई. यही कारण है कि जब वे एक्टिंग के लिए बॉलीवुड पहुंचे तो उन्हें किसी भी आम एक्टर की तरह की स्ट्रग्ल करना पड़ा.
आज के दौर में भले ही नेपोटिज्म को लेकर चर्चाएं गर्म रहती हों लेकिन शाहिद को कभी इस तरह के आरोपों को झेलना नहीं पड़ा क्योंकि वे इंडस्ट्री में लंबे संघर्ष के बाद ही अपना मकाम स्थापित करने में कामयाब हो पाए हैं. शाहिद अपने एक इंटरव्यू में बता चुके हैं कि उनके लिए फैमिली के काफी मायने है और उनका ये मिडिल क्लास अप्रोच उनके जनरल एटीट्यूड में भी दिखता है. वे शादी के बाद अपनी फैमिली को ज्यादा से ज्यादा वक्त देना पसंद करते हैं. बॉलीवुड में उनकी खास लोगों के साथ दोस्ती नहीं है और वे अपने काम और अपने परिवार को लेकर काफी फोक्स्ड रहते हैं.
शाहिद को इस तरह जीने की प्रेरणा कहीं ना कहीं अपने पिता और वरिष्ठ एक्टर पंकज कपूर से मिली है. दो नेशनल अवॉर्ड्स जीतने वाले पंकज कपूर की गिनती देश के सर्वश्रेष्ठ एक्टर्स में होती है लेकिन उन्होंने ना तो कभी अपने संघर्षों को सेलिब्रेट किया और ना ही अपनी कोई आत्मकथा लिखी. 35 साल के अपने करियर में पंकज कपूर ने बतौर अभिनेता 45 से ज्यादा फिल्में नहीं की हैं और 10 के आसपास सीरियल्स किए हैं क्योंकि पंकज कपूर ने कभी अपने अभिनय के आसपास बाजार खड़ा करने की कोशिश ही नहीं की. सादा जीवन उच्च विचार वाले कॉन्सेप्ट में विश्वास रखने वाले पंकज कपूर सलमान-शाहरूख जैसे सितारों के सामने मिडिल क्लास ही नजर आते हैं.