शाही ठाठ-बाट से निकली राजा महाकाल की सवारी
उज्जैन
उज्जैन में सोमवार को भूतभवान महाकालेश्वर की शाही सवारी ठाट-बाठ से निकली.चांदी की पालकी में सवार राजा महाकाल ने नगर भ्रमण कर भक्तों को दर्शन दिए और प्रजा का हाल जाना. भादों माह की अंतिम सवारी को देखने के लिए हजारों की तादात में देश भर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे. बाबा ने 7 रूपों में भक्तों को दर्शन दिए. इस बीच महाकाल घाटी पर श्रद्धालुओं से भरा मंच गिरने से उसके नीचे महिला, पुरुष व बच्चे भी दब गए.गनीमत रही कि किसी भी श्रद्धालु को गंभीर चोट नहीं आई.यह सवारी अपने निर्धारित मार्गों से होते हुए शिप्रा नदी के रामघाट पहुंची जहां विधिवत् महाकाल का जलाअभिषेक और पूजन अर्चन किया गया.
उज्जैन के राजा महाकाल प्रजा का हाल जानने के लिए आज नगर भ्रमण पर निकले. देश भर से आए श्रद्धालुओं ने राजा महाकाल के दर्शन किए. महाकाल की सावन में चार और भादों माह में दो सवारी निकलती हैं जिसमें से आज अंतिम और शाही सवारी थी. सवारी शुरू होने से पहले महाकाल मंदिर में सबसे पहले कोटी तीर्थ कुण्ड के सामने चंद्र मोलेश्वर के रूप में विराजित महाकाल के चांदी के मुखौटे का मंदिर के पुजारियों द्वारा पूजन अर्चन कराया गया.
इसके बाद शंख की ध्वनि के साथ महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर महाकाल ने मंदिर परिसर से नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान किया.पालकी जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर आई पुलिस सशस्त्र बल द्वारा महाकाल को सलामी दी गई. इसके पश्चात महाकाल नगर भ्रमण पर निकले.सवारी में विभिन्न वेश-भूषा पहने भक्त नाच-गाकर सवारी की शोभा बढ़ा रहे थे वहीं हजारों की संख्या में शामिल हुए भक्तगण महाकाल की एक झलक पाने के लिए लालायित दिखे.