सऊदी अरब में 12 नौकरियों पर लगी रोक, 30 लाख भारतीयों पर पड़ेगा असर

रियाद
खाड़ी देशों में अब भारतीयों के लिए काम की गुंजाइश कम होने के बावजूद भारत से बड़ी संख्या में लोग कमाने के लिए  वहां जाते हैं।   सऊदी अरब और दुबई इनका सबसे बड़ा ठिकाना है। हालांकि, सऊदी में अब भारतीयों के लिए काम की गुंजाइश कम होती जा रही है। सऊदी अरब विजन 2030 पर काम कर रहा है। ऐसे में उसका फोकस देश के लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने पर है।यहां सरकार ने बाहर से आने वाले वर्कर्स के लिए 12 सैक्टर्स में नौकरी करने पर रोक लगा दी है। इसका असर यहां रह रहे 30 लाख भारतीयों पर भी पड़ सकता है। वहीं, जो भारतीय सऊदी जाने की तैयारी कर रहे थे उन्हें भी झटका लग सकता है। 

 सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान देश की अर्थव्यवस्था को नया रूप दे रहे हैं और तेज पर इसकी निर्भरता कम करने की कोशिश में हैं। सरकार नए विजन के तहत परफ्यूम, कपड़े, बैग्स, जूते और ऐसी तमाम शॉप्स पर महिलाओं को रोजगार देना चाहती है, ताकि उनकी भी भागीदारी हो सके। ऐसे में 12 सैक्टर्स में विदेशियों के काम करने पर रोक लगाई जा रही है। ये पाबंदियां अगले हिजरी साल से लागू होंगी।  इनमें घड़ी की दुकान से लेकर चश्मे की दुकान, मेडिकल इक्विपमेंट स्टोर, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक शॉप्स, कार स्पेयर पार्ट्स आउटलेट तक कई सेक्टर्स शामिल हैं। 

इसके लिए लेबर एंड सोशल डेवलपमेंट मिनिस्टर डॉ. अली अल गफीस ने इसी साल की शुरुआत में एक आदेश जारी किया था।- इस फैसले का असर सऊदी में रह रहे 30 लाख भारतीयों के साथ-साथ 1 करोड़ 20 लाख विदेशी वर्कर्स पर भी पड़ेगा।  सऊदी अरब में 30 लाख भारतीय किंगडम रहने वाली सबसे बड़ी विदेशी कम्युनिटी है। इनमें से ज्यादातर ब्लू कॉलर वर्कर हैं।