सच्ची दोस्ती से लेकर खुद को समझने तक, कॉलेज लाइफ जिसने हमें बहुत कुछ सिखाया

हर स्टूडेंट को अपने कॉलेज लाइफ का बड़ा बेसब्री से इंतजार रहता है, ये उनके लिए रोमांच से भरा अनुभव होता है। स्कूल से पासआउट होना और कॉलेज में एंटर करना कई बंधनों से मुक्ति और आजादी का अनुभव करवाता है। लेकिन इस दौरान मौज-मस्ती के साथ-साथ हम अपने जीवन को कामयाब बनाने के लिए महत्वपूर्ण सीख भी लेते हैं। कॉलेज लाइफ जीने के दौरान अनजाने में ही आप अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार होने लगते हैं और भावनात्मक रूप से भी बदल जाते हैं। कॉलेज में मिलने वाले जिन्दगी के इन सबकों से किस तरह कॉलेज स्टूडेंट्स सीख लेते हैं, चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ अनुभवों के बारे में। (सभी तस्वीरें:इंडियाटाइम्स)
मनी मैनेजमेंट
'कॉलेज लाइफ के दौरान सबसे महत्वपूर्ण सीख जो मिलती है, वो है सही बजट का पालन व पैसों के सही इस्तेमाल को जानना और समझना। घर से मिली एक निश्चित रकम में पूरे महीने के बजट को संभालने के साथ-साथ अन्य चीजों के खरीदने की अपनी इच्छा या लालच पर रोक लगाना या फिर पैसों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देने और दोस्तों के साथ किसी लम्बे टूर पर नहीं जाने का निर्णय लेकर हम बहुत कुछ सिख जाते हैं।
कॉलेज हमें न्यूनतम बजट में भी जीवन जीना सीखा देता है. यह एक अच्छी आदत है जिससे आप अपने आगे की जिन्दगी में भी बचत करने में सक्षम होते हैं। मैंने कॉलेज में यह सीखा कि छोटे तरीकों से बचत करके अपने पैसे को कैसे बचाया जा सकता है। इससे मुझे रुपया की असल कीमत की समझ आगयी जो मुझे आने वाले समय में बहुत मदद देगी।'-मिहिर राठौड़
टाइम मैनेजमेंट
'क्या कॉलेज लाइफ अपने मन और इच्छाओं के अनुसार जीने वाली लाइफ है, या फिर छात्रों को एक निश्चित टाइमटेबल का पालन करते हुए प्लानिंग के साथ हर कार्य करना पड़ता है ? एक पुरानी कहावत है 'नो नॉलेज विदाउट कॉलेज' यानी कॉलेज लाइफ जीवन जीने का एक सही तरीका सिखाती है। ये बात तब बिल्कुल सटीक बैठती है जब हम कॉलेज के बारे में बात करते हैं।
ये वही समय है जिस दौरान हम अपने जीवन के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर करते हैं और उनपर चिंतन व अमल करते हुए अपने जीवन को कामयाब बनाते हैं। टाइम मैनेजमेंट और आत्म- अनुशासन एक दूसरे के साथ जुड़े हुए होते हैं क्योंकि जब तक आप दोस्तों के साथ घूमने जाना, मूवी देखना, पार्टी करने जैसी कुछ चीजों को कम नहीं करते हैं, तब तक टाइम मैनेजमेंट वास्तव में बहुत मुश्किल होगा।'-संयम जैन
अनुशासन में रहना
'जीवन का मुख्य सबक जिसे हम कॉलेज लाइफ के दौरान सीखते हैं वो है आत्म-अनुशासन की कला। हमें आखिरकार ये समझ आ जाता है कि वो दिन अब चले गए जब आपके मम्मी या पापा आपको हर बात पर टोकते थे या फिर आपको कुछ समझाते थे या होमवर्क और पढ़ाई के लिए बार-बार कहते थे। कॉलेज में आने के बाद आप अकेले इन सब चीजों के लिए जिम्मेदार बन जाते हैं। आप इस दौरान परीक्षा में अच्छे ग्रेड लाने में कामयाब हों या अपना साल बर्बाद कर दें सबकुछ आप पर ही निर्भर है। कॉलेज लाइफ मौज-मस्ती और आत्मानुशासन दोनों का मिश्रण होती है। आपको खुद तय करना है आपके लिए क्या सही है और क्या गलत। आप किसी पर निर्भर नहीं हो सकते और सबकुछ आपको खुद ही संभालना होता है।'-दिव्या खजांची
मेरे असली दोस्त कौन हैं?
'कॉलेज खुद को खोजने और ये पता लगाने का समय है कि आप किस तरह के लोगों के साथ खुद को रखना चाहते हैं। जैसे-जैसे कॉलेज आगे बढ़ेगा, आप अपने अतीत के लोगों से संपर्क खो देंगे। जब आप कॉलेज से डिग्री प्राप्त कर लेंगे, तो आप कॉलेज के भी सभी लोगों के संपर्क में नहीं रहेंगे। जिन दोस्तों के साथ आप संपर्क में रहने का प्रयास करना जारी रखते हैं, वे वास्तव में साथ में रह जाते हैं। कॉलेज में घुसते ही आपके पास बहुत सारे दोस्त होंगे बहुत से लोग आपसे दोस्ती करना चाहेंगे।
हालांकि, जैसे-जैसे समय बीतेगा वो 20 लोगों का ग्रुप धीरे-धीरे छोटा होता जाएगा। इससे आपको समझ आएगा कि कुछ ही लोग हैं, जो वाकई में आपकी परवाह करते हैं। मेरे पिता जी ने कॉलेज की शुरुआत में मुझसे एक बात कही थी जिसे उस समय मैंने मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि 'दुनिया में दो तरीके के लोग होते हैं। एक जो आपका भला चाहेंगे और दूसरे जो आपसे भला चाहेंगे और इस दुनिया में पहले किस्म के लोग ही आपके सच्चे मित्र बन पाएंगे।' आज जब में इस बात के बारे में सोचता हूं, तो वाकई में ये सही होता दिखाई देता है। ये आपको सिखाता है कि जब दोस्ती की बात आती है, तो सबसे महत्वपूर्ण क्वॉन्टिटी नहीं क्वॉलिटी होती है।'-प्रखर श्रीवास्तव
खुद को कभी कम नहीं समझना चाहिए
'मुझे याद है जब में कॉलेज में घुसी थी तब में एक इंट्रोवर्ट डरी-डरी चुप-चुप रहने वाली लड़की थी। लेकिन समय के साथ मुझे ये बात समझ आ गई कि ये दुनिया जितनी खूबसूरत लगती है उतनी असल में है नहीं। आगे बढ़ने के लिए आपको कई हर्डल्स को पार करना पड़ेगा। इसमें जो सही मायने में आपका साथ देगा, तो वह और कोई नहीं बल्कि आप खुद हैं।
कॉलेज में सैकड़ों ऐसे लोग होते हैं, जिनके अंदर आपसे अधिक टैलेंट होता है। कोई अच्छा गा सकता है, तो कोई अच्छा नाच सकता है और आपको लगेगा कि आप तो उनके मुकाबले कुछ है ही नहीं! मगर नहीं, आप भी किसी से कम नहीं हैं। कॉलेज आपको ये चीज सीखने का मौका देता है और आप मजबूत बन जाते हैं।'