सभी अंगों का नहीं हो रहा है उपयोग, इसलिए रीढ़ की हड्डी में लग रही जंग
रायपुर
कमर दर्द, पीठ दर्द की समस्या आम बनती जा रही है। वजह है रीढ़ की हड्डी की कमजोरी। छत्तीसगढ़ आर्थोपेडिक एसोसिएशन और श्री नारायणा अस्पताल की संयुक्त कार्यशाला में देश भर से आए विशेषज्ञों ने महासंमुद मार्ग स्थित एक निजी होटल में चर्चा की। विशेषज्ञों ने प्रदेश के डॉक्टर्स को रोचक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शरीर के अंगों का उपयोग कम हो, वहां से ही रीढ़ की बीमारी की शुरुआत हो रही है।
आजकल कम्प्यूटर, मोबाइल और दफ्तरों में लंबे समय तक कार्य किया जा रहा है। एक ही अवस्था में बैठे रहने के कारण शरीर के कुछ अंगों की नसें निष्क्रिय हो जाती हैं। उन नसों में रक्त का दबाव भी कम हो जाता है। ऐसें में रीढ़ की हड्डी की समस्या आम बन ही जाएगी। मौके पर बतौर विशेषज्ञ दिल्ली से डॉ. रूशमा टंडन और इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर से डॉ. एचसी छाबरा ने कार्यशाला के दूसरे दिन कहा। प्रदेश के डॉर्क्ट्स में डॉ. सुनील खेमका, डॉ. एस के फुलझरे मौजूद रहे।
रीढ़ की हड्डी खराब होने के गिनाए कारण
बच्चों की रीढ़ कमजोर होने की वजह
स्कूलों में बच्चों के शरीर से अधिक वजन का बस्ता दे दिया गया है। ऐसे में बचपन से ही बच्चों की रीढ़ की हड्डी कमजोर हो जाती है। यहीं से ही स्लिप डिस्क की शुरुआत होती है। बच्चों की रीढ़ के खांचे ऊपर-नीचे हो जाते हैं। डॉर्क्ट्स से समय पर नहीं मिलने पर रीढ़ की बड़ी बीमारी से मरीज ग्रसित हो जाता है।
युवाओं में रीढ़ कमजोर होने की वजह
आज के समय में 24 घंटों में औसतन हर युवा पांच से छह घंटे मोबाइल और कम्प्यूटर में बिता रहा है। ऐसे में कुछ ही अंग कार्य करते हैं, बाकी शरीर निष्क्रिय बन कर रह जाता है। ऐसे में रीढ़ के आसपास की नसों में खून का बहाव धीमा होने के कारण मांसपेशियों में खिंचाव हो जाता है।
बुजुर्गों की रीढ़ कमजोर होने की वजह
बुजुर्गों में सर्वाधिक समस्या स्लिप डिस्क की परेशानी होती है, लेकिन समय पर इलाज नहीं कराने के कारण रीढ़ में परेशानी बढ़ती जाती है, अंततः ऑपरेशन ही इलाज बचता है।
क्या होती है स्लिप डिस्क
रीढ़ की हड्डी छोटे -छोटे टुकड़ों से बनी होती है। अंदर खोखली होती है। एक-दूसरे से जोड़ने के लिए रीढ़ में एक वासर लगा होता है, जिसे मेडिकल भाषा में डिस्क के नाम से जाना जाता है। यही डिस्क बुढ़ापे में कमजोर हड्डी होने से नीचे चली जाती है। इस वजह से रीढ़ में समस्या प्रारंभ हो जाती है।
बताया इंजेक्शन से भी हो जाता है इलाज
कमर या पीठ दर्द लगातार 10 दिनों से हो रहा है तो तत्काल हड्डी विशेषज्ञ डॉक्टस से मिलना चाहिए। ऐसी स्थिति में शुरुआती तौर पर इंजेक्शन से इलाज किया जा सकता है। देर होने के बाद रीढ़ की हड्डी के दूसरे ज्वाइंट में भी समस्या पहुंच जाती है। इसके लिए ऑपरेशन ही विकल्प बचता है।