पैथाल तूफान से छत्तीसगढ़ में बारिश की चेतावनी, हवा की रफ्तार भी बढ़ी

रायपुर
नबंगाल की खाड़ी में उठा तूफान 'पैथाल" भीषण चक्रवात का स्वरूप ले रहा है। इसका खासा असर तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश के समुद्री तटीय क्षेत्रों पर पड़ेगा। एनडीआरएफ की टीमों ने प्रभावित होने वाले क्षेत्र खाली करवाने शुरू कर दिए हैं। छत्तीसगढ़ पर भी असर होगा।
यहां समूचे प्रदेश में बारिश होगी दक्षिण में तेज रफ्तार से। हालांकि रविवार रात से रायपुर में बादलों ने बरसना शुरू कर दिया था। हवा की गति राजधानी में 10 तो दक्षिण छत्तीसगढ़ में 30 किमी तक बनी हुई है। मौसम में आया यह बदलाव अगले 48 घंटे तक बना रहेगा।
रायपुर में सुबह धूप खिली, लेकिन एक बजे के बाद बादलों ने डेरा डालना शुरू कर दिया। दिनभर बादल छाए रहे। हवा की रफ्तार की और दक्षिण से आने वाली सर्द हवाओं की वजह से दिन का पारा भी लुढ़ता ही चला गया। मौसम वैज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक 'पैथाल" जैसे ही समूद्र तट से टकराएगा, उसकी रफ्तार कम हो जाएगी।
यह प्राकृतिक घटना सोमवार को होगी। भले ही रफ्तार कम हो, लेकिन असर इसके बाद भी बना रहेगा। रायपुर का अधिकतम पारा सोमवार को 20-21 डिग्री के करीब होगा, जो अब तक इस सीजन में सर्वाधिक कम होगा। वहीं रात का तापमान एक डिग्री चढ़ेगा, जो 17 डिग्री के करीब रहेगा। 18-19 से ही मौसम बेहतर होगा।
दिन-रात का पारा आ रहा है नजदीक- दिन-रात के तापमान में 10 दिन पहले तक दोगुने का अंतर था, लेकिन अब यह घटते हुए सिर्फ आठ डिग्री बचा है और सोमवार को तो और कम हो जाएगा। यह तीन डिग्री के करीब पहुंच जाएगा। यानि दिन रात तकरीबन सामान हो जाएंगे। दिन में भी खासी ठंड पड़ने वाली है।
मौसम वैज्ञानियों ने हेलीकाप्टर की उड़ान को लेकर भी कहा है कि ये कम ऊंचाई पर रहते हैं, जहां हवा की रफ्तार 40 किमी प्रतिघंटे तक है। इसलिए उड़ान न ही भरे जाए तो ये अच्छा होगा।सूत्र बताते हैं कि रायपुर से एक हेलीकाप्टर को बस्तर संभाग के लिए उड़ान भरनी थी, लेकिन नहीं उड़ा। हालांकि बड़े विमान 8-10 किमी की ऊंचाई पर उड़ते हैं, इसलिए उन्हें कोई खतरा नहीं है। सभी उड़ान भर सकते हैं।
मौसम का पूर्वानुमान
दक्षिण-पश्चिम और संगत पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवात 'पैथाल" बना है, जो रविवार को 2.30 बजे चेन्न्ई से 380 किमी पूर्व दक्षिण पूर्व मछलीपट्टनम से 480 किमी दक्षिण क्षेत्र के आसपास था। इसके और अधिक तीव्र होकर भीषण चक्रवात बनने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानियों, कृषि विज्ञानियों लगातार किसानों को अलर्ट जारी कर रहे हैं। अब जब तूफान छत्तीसगढ़ में असर दिखाने जा रहा है तो किसानों के पास अभी भी मौका है कि वे फसलों को ढंक लें, वरना इनका भीगना तय है। अगले 48 घंटे तक प्रदेश में इसका असर रहेगा। बारिश होगी। फसलों को नुकसान हो सकता है, अगर उसे सुरक्षित नहीं किया गया है।