सिर्फ भारत में ही है उभरते चीन को रोकने का दम: अमेरिकी थिंक टैंक

सिर्फ भारत में ही है उभरते चीन को रोकने का दम: अमेरिकी थिंक टैंक

वाशिंगटन 
चीन अपनी विस्तारवाद नीतियों के कारण पूरी दुनिया की नजरों पर है। कई देश तो चीन की उभरती ताकत से ना सिर्फ परेशान हैं, बल्कि डरे भी हुए हैं। हालांकि भारतीय नेतृत्व और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों ने हमेशा ड्रैगन से आंख मिलाकर बात की है। प्रधानमंत्री ने तो चीन की विस्तारवाद नीतियों की खुलेआम आलोचना की है। इतना ही नहीं, हाल में तो चीनी सैनिकों को एलएसी पर से अपने कदम पीछे खीचने के लिए मजबूर कर दिया गया। भारत की इस जवाबी ताकत का लोहा दुनिया के ताकतवर देश भी मानने लगे हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति संबंधी मुख्य अमेरिकी थिंक टैंक का कहना है कि अमेरिका उभरते चीन को रोकना चाहता है और ऐसे में उसके लिए भारत से महत्वपूर्ण कोई अन्य देश नहीं है, जिसके पास अत्यंत दक्ष तकनीकी पेशेवर हैं और जिसके अमेरिका के साथ मजबूत राजनीतिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं। थिंक टैंक 'इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन (आईटीआईएफ) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह कहा। उसने अमेरिका को भारत पर ''अत्यधिक निर्भर होने को लेकर सचेत करते हुए यह भी कहा कि यदि दोनों देशों के बीच बौद्धिक सम्पदा, डेटा संचालन, शुल्क, कर, स्थानीय विषय वस्तु की आवश्यकताएं या व्यक्तिगत निजता जैसे मामलों पर बड़े मतभेद पैदा होते हैं, तो आईसी सेवा प्रदाता भारत रणनीतिक समस्या बन सकता है।

रिपोर्ट में सबसे खराब और सबसे अच्छे परिदृश्यों पर गौर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक परिदृश्य यह है कि भारत और चीन के बीच तनाव कम हो और दोनों पड़ोसी देशों के बीच कारोबारी संबंध मजबूत हों। ऐसी स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था पूर्व दिशा की ओर स्थानांतरित हो जाएगी और अमेरिका इस बारे में कुछ खास नहीं कर पाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार, दूसरा परिदृश्य यह है कि चीन के कारण आर्थिक, सैन्य और अंतरराष्ट्रीय संबंध से जुड़ी चुनौतियां बढ़ने के बीच भारत और अमेरिका के हित समान हों। ऐसी स्थिति में अधिकतर विकसित देशों में लोकतांत्रिक नियम कायम रहेंगे, क्योंकि विकासशील देश 'बीजिंग मॉडल के बजाए 'दिल्ली मॉडल को देखेंगे। थिंक टैंक ने कहा, ''अमेरिका उभरते चीन को रोकना चाहता है और ऐसे में, भारत से महत्वपूर्ण कोई अन्य देश नहीं है, जिसका आकार बहुत बड़ा है, जिसके पास अत्यधिक कुशल तकनीकी पेशेवर हैं और जिसके अमेरिका के साथ मजबूत राजनीतिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं।''