सुरक्षा संस्थान जबलपुर से मुंगेर तक ऐसे होती थी AK 47 की तस्करी
जबलपुर
जबलपुर के सुरक्षा संस्थान सीओडी से इतने शातिराना तरीके से AK 47 तस्करी की जा रही थी कि इसकी भनक किसी को नहीं लगी. यहां आरएसएसडी सेक्शन से AK 47 रायफल मुंगेर सप्लाई की जा रही थीं. ये अवैध धंधा 2012 से चल रहा था और किसी को ख़बर नहीं थी. इस फैक्ट्री से रिटायर्ड एक्स आर्मर पुरुषोत्तम रजक और सीओडी के सीनियर स्टोर मैनेजर सुरेश ठाकुर इसका मुख्य सूत्रधार था.
पुलिस के मुताबिक सुरेश ठाकुर ऐसी रायफल की तस्करी करता था जो खराब हो जाती थीं. उन्हें सुधारने की आड़ में वो रायफल निकालता था. पुरुषोत्तम रजक हथियारों की तकनीकी जानकारी रखता था. उसे AK 47 बनाना आता था. बंदूक में क्या तकनीकी खामी है इसकी जानकारी सुरेश ठाकुर पहले पुरुषोत्तम को दे देता था. उसके बाद अपनी आई-10 कार में AK 47 रखकर सीओडी फैक्ट्री के बाहर लाता था और पुरुषोत्तम को सौंप देता था. पुरुषोत्तम ये माल बिहार के मुंगेर ले जाता था और वहां 5 लाख में एक रायफल सप्लाई करता था. 29 अगस्त को रायफल की आख़िरी सप्लाई इमरान को की गयी और उसी दिन इमरान पकड़ में आ गया.
2012 से लेकर अब तक करीब 70 AK 47 रायफल की तस्करी सीओडी से की जा चुकी है. जबलपुर एसपी ने बताया कि पैसे के लालच में ये पूरा खेल खेला गया था. 29 अगस्त को बिहार में मुंगेर के जमालपुर में इमरान पकड़ा गया. उससे 3 रायफल ज़ब्त की गयीं.
एसपी ने बताया कि इस मामले के आरोपी, सीओडी के सीनियर स्टोर मैनेजर सुरेश ठाकुर 16 अगस्त को हैंड ग्रेनेड, गाड़ी में मिलने के मामले मे विभागीय जांच से गुज़र रहा था. अब AK 47 मामले में उनका नाम आने के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि सुरक्षा संस्थान की सुरक्षा में कितनी बड़ी सेंध थी और किसी को इसकी भनक तक नहीं थी.
जो हथियार देश की रक्षा में तैनात जवानों को दिए जाते थे वो तस्करी किए जा रहे थे. जबलपुर पुलिस के लिए अब अगली सबसे बड़ी चुनौती उस गिरोह का पता लगाने की है जहां ये AK 47 रायफल सप्लाई किए गए. . पुलिस को आशंका है कि इन तस्करों के तार नक्सली और किसी आतंकवादी ग्रुप से जुड़े थे.
पुलिस अब तक इन आरोपियों से 11 लाख से अधिक नगद, रायफल सुधारने के उपकरण, 5 नग प्रतिबंधित कारतूस राइफल सुधारने की डायरी , 3 कार और अन्य उपकरण बरामद किए. पूरे मामले में मध्यप्रदेश एटीएस और इंटेलिजेंस इस केस की जांच कर रही है.
इस मामले मे कुछ और आरोपियों तक दबिश दी जाने वाली है. इनमें सीओडी फैक्ट्री के कुछ अधिकारी कर्मचारी भी हो सकते हैं. इस केस में अब तक सात लोग गिरफ़्तार किए जा चुके हैं. इनमें से चार जबलपुर से और तीन बिहार में पकड़े गए.
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