भाजपा की रीति-नीति में समान भागीदारी की झलक : डॉ. आर.एच लता
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर यह साबित किया है कि उसकी राजनीति केवल वादों और घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि व्यवहार में भी समरसता और समान भागीदारी की प्रतीक है। वरिष्ठ भाजपा नेत्री एवं भारतीय योगिनी महासंघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर. एच. लता ने कहा कि भाजपा ने प्रदेश संगठन की नई कार्यकारिणी में 28 प्रतिशत मातृशक्ति को प्रतिनिधित्व देकर इस बात को प्रमाणित किया है कि पार्टी की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।
डॉ. लता ने कहा कि भाजपा की यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि भाजपा की रीति नीति ही सेवा, समर्पण और समान अवसरों की भावना पर आधारित है। जबकि अन्य राजनीतिक दल महिलाओं के अधिकारों की बातें तो करते हैं, परंतु उन्हें संगठन में उचित स्थान देने में अक्सर विफल रहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह निर्णय पंडित दीनदयाल उपाध्याय की एकात्म मानववाद की विचारधारा से प्रेरित है, जिसमें हर व्यक्ति को समान अवसर देने और समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की बात कही गई है। भाजपा की नीतियों में यही दृष्टिकोण स्पष्ट दिखाई देता है।
डॉ. लता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की अगुवाई में पार्टी संगठन ने यह सिद्ध किया है कि भाजपा केवल पुरुष प्रधान राजनीति की पार्टी नहीं, बल्कि नारीशक्ति को नीति-निर्धारण का सहभागी मानने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने महिला सशक्तिकरण को केवल नारे तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे राजनीति, शासन और समाज सेवा के हर स्तर पर व्यवहार में उतारा है। चाहे जनप्रतिनिधियों को टिकट देना हो, संगठन में प्रमुख दायित्व सौंपना हो या फिर विकास योजनाओं में महिलाओं को प्राथमिकता देना, भाजपा ने हर क्षेत्र में नारीशक्ति को अग्रणी भूमिका दी है।
डॉ. लता ने कहा कि यह 28 प्रतिशत महिला पदाधिकारियों की नियुक्ति केवल संख्या नहीं, बल्कि सम्मान और विश्वास की साझेदारी है।इससे समाज में एक सकारात्मक संदेश गया है कि भाजपा महिलाओं को केवल समर्थक नहीं, बल्कि निर्णय प्रक्रिया की भागीदार मानती है।
डॉ लता ने कहा कि भाजपा का यह निर्णय समाज में समानता और समरसता की दिशा में भी प्रेरक कदम है। डॉ. लता ने कहा भाजपा की रीति-नीति ही उसकी पहचान है, जहां हर व्यक्ति को अवसर, सम्मान और जिम्मेदारी मिलती है। यह पार्टी सत्ता की नहीं, सेवा की राजनीति करती है। मातृशक्ति को संगठन में 28 फीसदी स्थान देना उसी सेवा भाव का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
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