सोनिया गाँधी द्वारा वैक्सीन के एक देश-एक दाम की मांग के समर्थन में विकास उपाध्याय ने घेरा मोदी सरकार को

सोनिया गाँधी द्वारा वैक्सीन के एक देश-एक दाम की मांग के समर्थन में विकास उपाध्याय ने घेरा मोदी सरकार को

रायपुर
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा कोरोना वैक्सीन के लिए एक देश-एक दाम की मांग करते हुए टीकाकरण के लिए मोदी सरकार की योजना को नाकाफी बताये जाने का समर्थन करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा, केंद्र सरकार अपनी जिÞम्मेदारी से भाग रही है। ऐसे संकट के वक्त केन्द्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ समन्वय बना कर चलनी चाहिए न कि टीके के मूल्य में विविधता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सामने अपना दोहराचरित्र उजागर करना चाहिए। सोनिया गांधी जी को देश की आर्थिक स्थिति की चिंता है जो मोदी को पत्र लिख कर कहा कि महामारी के बीच टीके के दाम में मनमानी अनुचित है। मोदी को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।

उपाध्याय का यह बयान तब आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने मोदी सरकार  टिके के दामों में विविधता लाने की बात कह रही है। कहा गया है कि एक मई से भारत में सभी वयस्कों को कोरोना वैक्सीन लगेगी। साथ ही कहा गया था कि वैक्सीन बनाने वाली दवा कंपनियां अपने कुल उत्पादन का आधा भारत सरकार को मुहैया कराएंगी और बाकी आधा उत्पादन राज्य सरकारों या खुले बाजार में आपूर्ति करने के लिए स्वतंत्र होंगी। विकास उपाध्याय ने कहा,इससे राज्यों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जिनकी आर्थिक सेहत पहले ही अच्छी नहीं है। ये सरकार एक देश एक टैक्स और एक देश एक चुनाव में यकीन करती है, लेकिन एक देश एक दाम में उसका भरोसा नहीं है। केंद्र, राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन का एक ही दाम तय करने पर जोर देते हुए विकास उपाध्याय ने कहा, वैक्सीन के लिए एक देश एक दाम नीति क्यों नहीं हो सकती। मुझे लगता है कि ये एक जायज मांग है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा देश हित में उठाया गया इस मांग को मोदी सरकार को बगैर शर्त स्वीकार कर अधिसूचना जारी कर देना चाहिए। मोदी वैक्सिनेशन को लेकर भेदभाव पर उतर आ रहे हैं। आज भारत के लोगों को बचाने की जरूरत है। देश में मृत्यु दर बढ़ रहा है इसे कम करने केंद्र को पूरी ताकत झोंक देनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बदली गई वैक्सीन नीति में केंद्र सरकार अपनी जिÞम्मेदारी से भाग रही है, इससे राज्यों पर बोझ बढ़ेगा। वैक्सीन बनाने वालों को अधिक मुनाफा होगा। साथ ही केंद्र और राज्यों के साथ-साथ अमीर और ग?ीबों के बीच खाई भी बढ़ती जाएगी। उपाध्याय ने दावा किया कि मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीन की कमी होने की बात आख?िकार मान ही ली है।