हर दिन 200 से ज्यादा परिवार घर से ही RTPCR और रेपिड करने वाली लैबों की ले रहे हैं सेवा

इंदौर
कोरोना संक्रमण की जांच कराने के लिए अब कई लोग फीवर क्लिनिक और प्राइवेट लैब में जाने से डर रहे हैं। इसके चलते घर से ही सैंपल कलेक्ट करवा रहे हैं। घर पर होने वाले सैंपलों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। रोजाना 200 से ज्यादा घरों से प्राइवेट लैब द्वारा सैंपल लिए जा रहे हैं। घर पहुंच सेवा के लिए कुछ लैब आरटीपीसीआर के 1200 रुपये तक चार्ज कर रहे हैं और कुछ एक हजार रुपये में आरटीपीसीआर और 500 रुपये में रेपिड टेस्ट करके दे रही है।
घर से सैंपल देने वाले डा. जीएस ठकराल का कहना है कि इस समय घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है। जिस तरह से संक्रमण बढ़ रहा है किराने का सामना भी घर से ही आर्डर करना पड़ रहा है। मेरे कारण परिवार के दूसरे सदस्यों को परेशान न हो इसके लिए घर से बाहर निकलकर किसी तरह की रिस्क नहीं लेना चाहता। अतुल रोकड़े का कहना है कि फीवर क्लिनिक और प्राइवेट लैब में लंबी लाइन लग रही है और संक्रमण के कई लक्षण वाले पहुंच रहे हैं। ऐसे में जिन्हें ज्यादा परेशानी नहीं है और वे अपना आरटीपीसीआर टेस्ट कराने जा रहे हैं उससे रिस्क बना रहता है इसके चलते घर पर ही लैब के कर्मचारियों को बुलाकर टेस्ट करा लिया।
लैब के कर्मचारियों का कहना है कि जब पिछली बार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ थे तो रेपिड टेस्ट काफी संख्या में लोग करा रहे थे लेकिन इस बार संक्रमण की रफ्तार ज्यादा होने से रेपिड न कराते हुए आरटीपीसीआर ही करवा रहे हैं। घर पर रोजाना करीब 100 रेपिड टेस्ट ही करने पहुंच रहे हैं। ललित अग्रवाल का कहना है कि रेपिड टेस्ट अगर नेगेटिव आता है तो फिर भी मन में डर बना रहता है कि कहीं संक्रमण न हो। इसके चलते अलग-अलग टेस्ट कराने के बजाए हमारी रहवासी सोसाइटी ने सभी के आरटीपीसीआर टेस्ट की कराए हैं।
एक प्राइवेट लैब के रमेश कुमार का कहना है कि कुछ दिन से घर पर सैंपल लेने के आर्डर बढ़ गए हैं। जिन्हें किसी तरह का लक्षण नहीं है वे भी किसी तरह का रिस्क न लेते हुए टेस्ट करा रहे हैं। कई बिल्डिंग में फ्लैट तक हमें टेस्ट करने के लिए जाने नहीं दिया जाता। ऐसे में जिनका टेस्ट करना होता है उन्हें बाहर किसी खाली जगह बुलाते हैं और टेस्ट करते हैं। कई बार तबियत खराब होने पर लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि रिपोर्ट जल्दी चाहिए। इसके लिए ज्यादा पैसे भी देने की बात करते हैं लेकिन कोरोना टेस्ट करने में निश्चित समय लगता है इसलिए 24 घंटे बाद ही ज्यादातर को रिपोर्ट मिल पाती है।
टेस्ट पूरी तरह सुरक्षित तरीके से करते हैं। कुछ सेकंड के लिए टेस्ट कराने वाले के पास खड़ा रहना पड़ता है। बिना किसी तरह के टच से सैंपल ले लिए जाते हैं। कई परिवारों में बुजुर्ग सदस्य हैं जो कोरोना टेस्ट कराने के लिए लैब तक नहीं आ पाते हैं वे भी बड़ी संख्या में हमारी टीम को घर पर बुला रहे हैं।