केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का निधन, कैंसर का चल रहा था इलाज

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का निधन, कैंसर का चल रहा था इलाज

 
नई दिल्ली 

लंबे वक्त से बीमार चल रहे केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का सोमवार सुबह करीब 2 बजे निधन हो गया। कुमार को कैंसर था, जिसका पिछले काफी वक्त से इलाज चल रहा था। 59 साल के अनंत का पहले लंदन और न्यू यॉर्क में इलाज चला और 20 अक्टूबर को ही उन्हें बेंगलुरु लाकर एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक, अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को बेंगलुरु के नैशनल कॉलेज में रखा जाएगा। 
 

शुक्रवार को उनकी पत्नी ने जानकारी दी थी कि अब अनंत ठीक हैं, लेकिन फिर अचनाक उनकी तबीयत कैसे बिगड़ी इसकी फिलहाल जानकारी नहीं है। तब कैंसर के साथ उनको कुछ इन्फेक्शन होने की बात भी सामने आई थी। तबीयत बिगड़ने की वजह से अनंत पिछले कुछ वक्त से कृत्रिम सांस लेनेवाले यंत्र के सहारे थे और उन्हें आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। 
 
राष्ट्रपति कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम हस्तियों ने अनंत कुमार के असामयिक निधन पर गहरा शोक जताया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा, 'केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के निधन के बारे में सुनकर मुझे दुख हुआ। उनका जाना देश और खासकर कर्नाटक के लोगों के लिए बड़ा झटका है। उनके परिवार, सहकर्मी और उनसे जुड़े अनगिनत लोगों के साथ मेरी संवेदना है।' 

पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'मेरे सहकर्मी और दोस्त अनंत कुमार के निधन के बारे में सुनकर मुझे काफी दुख हुआ। वह शानदार नेता थे, जिन्होंने युवा के रूप में राजनीति में कदम रखा और अबतक अत्यंत परिश्रम और करुणा के साथ लोगों की सेवा में लगे थे। उन्हें हमेशा उनके अच्छे कामों के लिए याद किया जाएगा।' मोदी ने बताया कि उन्होंने अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी से भी बात की है। 
 

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'अंनत कुमार के बारे में सुनकर काफी दुख हुआ। उन्होंने लंबा वक्त बीजेपी को दिया। बेंगलुरु उनके दिल और दिमाग में बसता था। भगवान इस क्षति को सहने की शक्ति उनके परिवार को दे।' 

22 जुलाई 1959 को जन्मे अनंत 1996 से बेंगलुरु साउथ लोकसभा सीट से सांसद थे। मोदी सरकार में उन्हें रसायन और उर्वरक मंत्रालय और संसदीय मामलों का मंत्री पद मिला। वह शुरुआत में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े और छात्र राजनीति से होते हुए बीजेपी में आए थे।