छत्तीसगढ़ पर अभी भी सीएम  के नाम का सस्पेंस

छत्तीसगढ़ पर अभी भी सीएम  के नाम का सस्पेंस

रायपुर 
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जीत के बाद सीएम को लेकर कांग्रेस को खूब मथापच्ची करनी पड़ी है। काफी जद्दोजहद के बाद राजस्थान और एमपी में तो सीएम के नाम का ऐलान हो गया है लेकिन छत्तीसगढ़ में अभी भी कई नामों के बीच पेच फंसा है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद अब सबकी नजरें छत्तीसगढ़ पर टिक गई हैं। दिल्ली में राहुल गांधी के साथ छत्तीसगढ़ से बुलाए गए नेताओं की मुलाकात खत्म हो गई है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी कुछ और नेताओं से चर्चा कर यहां भी सीएम के नाम पर अंतिम मुहर लगा देंगे। इसके साथ यह भी खबरें हैं कि शनिवार को रायपुर में विधायक दल की बैठक में इसका फैसला होगा। हालांकि इन सबके बीच अभी भी यहां सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकरार है।  
 
बता दें कि मुख्यमंत्री की दौड़ में यहां चार नेताओं के नाम सबसे आगे हैं। इनमें टीएस सिंह देव, चरणदास महंत, भूपेश बघेल और ताम्रध्वज साहू हैं। इस रेस में सबसे आगे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल का नाम चल रहा है। वहीं पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे टीएस सिंह देव भूपेश बघेल को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। 

विधायकों ने आलाकमान पर छोड़ा फैसला 
भूपेश बघेल ने शुक्रवार सुबह कहा था कि विधायकों की सहमति से फैसला लिया गया है कि मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला पार्टी आलाकमान ले। 90 विधानसभा वाले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 68 सीटें मिली हैं। भूपेश बघेल के नेतृत्व में ही कांग्रेस ने यह चुनाव लड़ा। हालांकि, टीएस सिंह देव की भूमिका भी कम नहीं रही है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ चुनाव में घोषणापत्र की अहम भूमिका रही है और उसके पीछे पूरा दिमाग टीएस सिंह देव का ही है। 

यह भी हैं सीएम की दौड़ में 
उधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री चरण दास महंत को भी मुख्यमंत्री पद के लिए दौड़ में माना जा रहा है। हालांकि पूर्व राज्य मंत्री बघेल को इस दौड़ में सबसे आगे देखा जा रहा है। पार्टी के एक सूत्र ने कहा, 'बघेल ने जमीनी स्तर पर काम करने के साथ-साथ केंद्र और राज्य के नेताओं के साथ समन्वय किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने बहुत मेहनत की है और उनके मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने की संभावना है।' 

आम कार्यकर्ताओं की भी ली गई राय 
उधर, इससे पहले यहां कई दौर की बैठकों का दौर भी चला है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, प्रभारी सचिव चंदन यादव और अरुण उरांव की मौजूदगी में निर्वाचित विधायकों की बैठक हुई थी। उससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने खुद शक्ति ऐप के जरिए कार्यकर्ताओं का मन टटोलने की भी कोशिश की। पहली बार ऐसा देखने को मिला कि कांग्रेस विधायक दल के अलावा आम कार्यकर्ताओं से मुख्यमंत्री चयन को लेकर राय ली गई।