पीसीए से बाहर हो सकते हैं 4-5 बैंक, सरकार 83 हजार करोड़ रुपये डालेगी

पीसीए से बाहर हो सकते हैं 4-5 बैंक, सरकार 83 हजार करोड़ रुपये डालेगी

 
नई दिल्ली 

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि बैंकों में एनपीए की स्थिति का जायजा पूरा हो चुका है और सरकारी बैंकों में 83,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-2019 में बैंकों में 42 हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा और यह पूंजी पीसीए में जा सकने वाले बैंकों को भी दी जाएगी। 

वित्त मंत्री ने कहा, 'यह पूंजी बेहतर वित्तीय स्थिति वाले बैंकों को दी जाएगी।' उन्होंने कहा कि बैंकों की कर्ज देने की क्षमता में हुआ सुधार हुआ है और सरकारी बैंकों ने हर पैमाने पर बेहतर प्रदर्शन किया है। पहली छमाही में बैंकों ने 60,726 करोड़ की रिकवरी की।' 

केंद्रीय वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने कहा, 'तीन बैंक पीसीए के थ्रेसहोल्ड 1 के दायरे में हैं और 4-5 बैंकों को इस साल अतिरिक्त पूंजी दी जाएगी। 4-5 बैंकों के पीसीए के दायरे से बाहर निकलने की उम्मीद है।' 

क्या है पीसीए 
पीसीए की व्यवस्था के तहत बैंकों से कुछ रिस्की गतिविधियों से परहेज करने, कामकाजी दक्षता बढ़ाने और पूंजी की हिफाजत पर जोर देने के लिए कहा जाता है। हालांकि कई बैंकरों को डर है कि पीसीए प्रोग्राम लंबे समय तक चलने से बड़े और कर्ज पाने की पात्रता रखने वाले क्लाइंट्स छिटक सकते हैं और ये बैंक कहीं ज्यादा कमजोर हो सकते हैं। 

नकदी फंसी 
सरकार का मानना है कि पीसीए के तहत इन बैंकों को डालने से लेनदेन लायक काफी नकदी फंस गई है। ये बैंक मुख्य तौर पर रिटेल, मॉर्गेज और छोटे लोन तक सीमित रह गए हैं और क्रेडिट क्रिएशन में भागीदार नहीं बन पा रहे हैं। पीसीए में आए ये 11 बैंक भारत की बैंकिंग इंडस्ट्री का करीब एक चौथाई हिस्सा हैं और इनका आकार देश के समूचे नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी सेक्टर (हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को छोड़कर) के लगभग बराबर है। 

एक सीनियर बैंकर ने कहा, 'पीसीए बैंकों का जिन क्षेत्रों में अच्छी मौजूदगी थी, उन्हें पर्याप्त कर्ज नहीं मिल पा रहा है। वैसे भी उधार लेने वालों के लिए अचानक दूसरे बैंक के पास जाना आसान नहीं होता है। जेम्स ऐंड जूलरी जैसे कुछ सेक्टर्स को मिलने वाले कर्ज में 40 प्रतिशत तक कमी आई है। हालांकि पीसीए बैंकों के टोटल लोन का 16-23% तक हिस्सा बैड लोन हो जाने के कारण आरबीआई को भी सिस्टम बचाने के लिए कदम उठाना ही पड़ा। यह मसला अलग है कि पीसीए सही कदम था या नहीं।' 

इन बैंकों को रखा गया है पीसीए में 
पीसीए फ्रेमवर्क के तहत देना बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, आईडीबीआई बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इंडियन ओवरसीज बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को रखा गया है।