कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी: आमने-सामने मप्र छत्तीसगढ सरकार
भोपाल। महात्मा गांधी पर टिप्पणी को लेकर कालीचरण महाराज को गुरुवार सुबह रायपुर पुलिस ने खजुराहो से गिरफ्तार किया। मध्य प्रदेश से गिरफ्तारी पर इंटर स्टेट प्रोटोकॉल के उल्लंघन का हवाला देते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति दर्ज कराई है। मिश्रा का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार नोटिस लेकर भी बुला सकती थी। आने से पहले ना सही गिरफ्तारी करने पर मध्य प्रदेश पुलिस को जानकारी तो देती। मिश्रा ने मध्य प्रदेश डीजीपी को छत्तीसगढ़ डीजीपी से पूरे तरीके पर विरोध दर्ज कराने के साथ स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए हैं। इधर, छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सही ठहराते हुए नरोत्तम मिश्रा पर पलटवार किया है।
बागेश्वर धाम के पास एक किराए के कमरे से उन्हें रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया
जानकारी के मुताबिक कालीचरण महाराज 27 दिसंबर को खजुराहो पहुंचे थे। यहां शाम 5 बजे वह रेलवे स्टेशन के पास बने पल्लवी गेस्ट हाउस में दो दिन रूके थे। इसके बाद वह बिना चेक आउट किए गढ़ा गांव चले गए। जहां से बागेश्वर धाम के पास एक किराए के कमरे से उन्हें रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। खास बात यह है कि उनका एक शिष्य गेस्ट हाउस में ही रूका रहा था। इस मामले में बमीठा थाना पुलिस ने विनीत शिवहरे व भागचंद्र शिवहरे को हिरासत में लिया है।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई
कालीचरण की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ पुलिस के तरीके को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई है। गृह मंत्री का कहना है कि छत्तीसगढ़ पुलिस के तरीके पर आपत्ति है। इंटरस्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार को नहीं करना था। संघीय मर्यादा इसकी बिल्कुल भी इजाजत नहीं देती है। छत्तीसगढ़ सरकार चाहती तो उनको नोटिस देकर भी बुला सकती थी। मध्य प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि छत्तीसगढ़ के डीजीपी से बातचीत करें। गिरफ्तारी के तरीके को लेकर बातचीत कर स्पष्टीकरण लें।
संघीय मर्यादा का उल्लंघन हुआ: नरोत्तम मिश्रा
उन्होंने आगे कहा कि संघीय मर्यादा का उल्लंघन 100 फ़ीसदी हुआ है। कल को रात को पुलिस का नाम लेकर कोई भी घुस जाएगा। खाकी के नाम पर घुसने की कोशिश करेगा। आखिर जनता की सुरक्षा भी है, जनता की सुरक्षा का सवाल भी है। आश्रम में जाने पर पुलिस को खबर कर देते। पुलिस को खबर नहीं कर पाए तो गिरफ्तारी के बाद खबर कर देते। मैं मानता हूं कि यह पूरा तरीका ही आपत्तिजनक है। मैंने डीजीपी को कहा है कि वह छत्तीसगढ़ डीजीपी को अपना विरोध दर्ज कराएं। जमानती धाराएं हैं। वह चाहते तो जमानत करा लेते। अगर जमानत नहीं करा पाते तो छत्तीसगढ़ बुला लेते। यह तो तरीका है पूरी तरह से गलत है।
न्याय में इतना विलम्ब नहीं होना चाहिए कि वो अन्याय लगने लगे: भूपेश बघेल
इधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस विवाद पर पलटवार करते हुए ट्विटर पर लिखा कि न्याय में इतना विलम्ब नहीं होना चाहिए कि वो अन्याय लगने लगे। बघेल ने अपने एक अन्य ट्वीट में कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा, ‘छत्तीसगढ़ पुलिस ने कालीचरण महाराज के परिवार और वकील को उनकी गिरफ्तारी की सूचना दे दी है।’
पूरा मामला
दरअसल रायपुर की धर्म संसद में जब महंत कालीचरण अपना वक्तव्य दे रहे थे, उसी दौरान उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी पर विवादित बयान दिया था। महात्मा गांधी पर सुखदेव, राजगुरु, भगत सिंह की फांसी ना रुकवाने का भी आरोप लगाया था।
कथित वीडियो वायरल हुआ तो उसमें महंत कालीचरण कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, “कोई राष्ट्र का पिता नहीं हो सकता, राष्ट्रपिता बनाना है तो महाराणा प्रताप, शिवाजी, वलभ भाई पटेल को बनाया जाए। इन लोगों ने राष्ट्र के लिए काम किया है। गांधी ने तो सिर्फ बंटवारा किया है। उन्होंने कहा था 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया।”