बालाघाट में भाजपा ने बदला प्रत्याशी बेटी की जगह पिता गौरीशंकर बिसेन लड़ेंगे चुनाव
भोपाल। बालाघाट जिले की बालाघाट विधानसभा क्रमांक 111 पर पिता-पुत्री के बीच उत्पन्न हुई असमंजस्य की स्थिति सोमवार को उस वक्त समाप्त हो गई जब बेटी मौसम बिसेन ने स्वयं ही आरओ कार्यालय पहुंचकर मंत्री पिता गौरीशंकर बिसेन का बीफार्म सहित नामांकन फार्म भरा है। इसके साथ ही अब ये तय भी हो गया है कि अब बेटी के बजाय पिता ही बालाघाट विधानसभा से भाजपा के तय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे।
विधानसभा चुनाव को लेकर बालाघाट विधानसभा सीट पर केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही राज्य के नेतृत्व की भी पहली पसंद मंत्री गौरीशंकर बिसेन ही थे लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को टिकट दिलाने के लिए स्वयं को बीमार बनाने के साथ ही जुबान लडख़ड़ाने की बात कहकर स्वयं को अलग कर लिया था। जिसके बाद वे लगातार इस बात को दोहराते रहे जिसका ही ये परिणाम रहा कि उनकी जिद के आगे केंद्रीय व राज्य का नेतृत्व झुक गया और आखिर उन्होंने मौसम बिसेन को भाजपा बालाघाट विधानसभा के लिए प्रत्याशी घोषित किया था।
मौसम के बीमार होने से बदले हालात
21 अक्टूबर को बालाघाट विधानसभा से प्रत्याशी घोषित होने के बाद पिता-पुत्री गले मिलकर भावुक भी हुए थे। जिसके तुरंत बाद ही अचानक घटनाक्रम में बदलाव आया और मौसम की तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए पिता नर्मदाघाटी विकास मंत्री ने सुरक्षा का हवाला देते हुए आरओ कार्यालय पहुंचकर स्वयं का नामांकन फार्म भरा था। जिसके बाद से ही भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी बेटी होगी या फिर पिता इस बात को लेकर संशय की स्थिति निर्मित हो गई थी। जिसके बाद भाजपा ने तय प्रत्याशी के बदले पिता के नाम का बीफार्म भेजा और सोमवार को बेटी ने स्वयं की आरओ कार्यालय पहुंचकर पिता का बीफार्म के साथ नामांकन दाखिल किया है। जिससे अब स्थिति भी स्पष्ट हो चुकी है कि अब गौरीशंकर बिसेन ही बालाघाट विधानसभा से भाजपा के लिए चुनाव लड़ेंगे। जिसके चलते ही उन्होंने दोपहर के समय रैली भी निकाली है।
इसलिए भी बदलना पड़ा फैसला
बहुचर्चित बालाघाट विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस ने पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अनुभा मुंजारे को अपना प्रत्याशी बनाया है। जिनका पास राजनीति के साथ ही चुनाव लडऩे का लंबा अनुभव है। वहीं उनके सामने मौसम बिसेन को फीका पड़ता देेख ही भारतीय जनता पार्टी ने बेटी के बजाय पिता को चुनावी मैदान उतारने का निर्णय लेकर अपना फैसला बदला है और बेटी को प्रत्याशी घोषित करने के बाद पिता के नाम का बीफार्म भेज दिया है।