ज्ञानवापी के अंदर बाबा मिल गए 'विश्वेश्वर', सील किया स्थान, प्रवेश पर रोक
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को सौंपी सुरक्षा की जिम्मेदारी
suresh gandhi
वाराणसी। अदालत के आदेश पर वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम सोमवार को लगभग सवा 10 बजे पूरा हो गया। जिस आशय से सर्वे कराया जा रहा था उसका उद्देश्य भी लगभग पूरा हो गया। बताया जा रहा है कि सर्वे टीम को परिसर के एक हिस्से में शिवलिंग नजर आया। सर्वे टीम में शामिल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने तुरंत वाराणसी कोर्ट में आवेदन दिया, जिसपर शिवलिंग की सुरक्षा को लेकर अदालत ने आदेश जारी किया है। माना जा रहा है कि आदि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग का असली स्थान ज्ञानवापी ही था। जिसकी ओर काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में मौजूद नंदी का मुख सदियों से विद्यमान है। हिंदू मान्यता के अनुसार नंदी का मुख सदैव शिवलिंग की ओर ही होता है। ऐसे में नंदी की मूर्ति का मुख ज्ञानवापी मस्जिद की ओर होने की वजह से ही हिंदू पक्ष की ओर से मस्जिद के सर्वे की मांग लंबे समय से उठ रही थी।
मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए
इस बाबत अधिवक्ता हरिशंकर जैन की ओर से प्रस्तुत कार्रवाई की रिपोर्ट को प्रार्थना पत्र के साथ सोमवार को प्रस्तुत किया गया। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि दिनांक 16 मई को शिवलिंग मस्जिद कांप्लेक्स के अंदर एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन कार्यवाही के दौराना पाया गया है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है इसलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दें। जिलाधिकारी वाराणसी को आदेशित किया जाए कि वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें। मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी तत्काल रोक दिया जाए।
शिवलिंग को उसे संरक्षित किया जाना अति आवश्यक
पत्र में कहा गया है - मेरे द्वारा संपूर्ण पत्रावली का परिसीमन किया गया है। वादी गण द्वारा प्रस्तुत कर कहा गया कि आज दिनांक 16 मई को शिवलिंग मस्जिद कांप्लेक्स के अंदर दौरान कमीशन पाया गया यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है। इसलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दे। शिवलिंग को उसे संरक्षित किया जाना अति आवश्यक है, न्याय हित में प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने योग्य है।
स्थान को सील किया जाए
इस पत्र के प्राप्त होने के बाद अदालत ने दोपहर 12 बजे इस बाबत अदालत की ओर से आदेश जारी कर दिया। अदालत ने आदेश दिया है, 'जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें। सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी तथा सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि इस स्थान को सील किया जाए।
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को सौंपी सुरक्षा की जिम्मेदारी
उस स्थान को संरक्षित व सुरक्षित रखने की पूर्णता व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी। उपरोक्त आदेश के तहत सील की कार्यवाही के बाबत निरीक्षण प्रशासन द्वारा क्या-क्या किया गया है, इसके सुपर विजन की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश लखनऊ तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ की होगी। वाद लिपिक को आदेशित किया जाता है कि अविलंब इसकी आदेश की प्रति संबंधित अधिकारीगण को नियमानुसार प्रेषित कर सुनिश्चित करें। यह आदेश रवि कुमार दिवाकर सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी की ओर से जारी किया गया है।' वहीं, ज्ञानवापी मामले में नया आदेश आने के बाद से ही इस प्रकरण पर प्रतिक्रिया का दौर शुरू हो गया है।
जिसे तहखाना कहा जा रहा है वह असलियत में मंदिर मंडपम है
हिंदू पक्ष का दावा है कि नंदी महाराज के सामने जो तहखाना है, उसी में अंदर मस्जिद के बीचों-बीच आज भी शिवलिंग दबा है। इस विशालकाय शिवलिंग का रंग हरा है। वहीं अरघा भी काफी बड़ा है। विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में जिसे तहखाना कहा जा रहा है वह असलियत में मंदिर मंडपम है। आगे कहा कि जो लोग भी ज्ञानवापी में तहखानों की बात कर रहे हैं, वे सभी मंडपम हैं। इन्हें तहखाना के बजाय मंडपम कहें तो बेहतर होगा।
पत्थर के नीचे दबा एक शिवलिंग मिला
सर्वे टीम में शामिल एक सदस्य ने बताया कि परिसर के एक हिस्से में जमा पानी को निकलवाया गया। सफाई के बाद पत्थर के नीचे दबा एक शिवलिंग मिला। भूतल से इस शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 20 फुट बताई जा रही है। उस स्थान को मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है। यह वही स्थान है जहां वजू किया जाता है। काफी दुर्व्यस्था और दुर्दशा के बीच यह शिवलिंग मिला है।
वादी और हिंदू पक्ष के दावे को मिला बल
इधर, कोर्ट से नियुक्त विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि जो वस्तुस्थिति पाई गई है, वही रिपोर्ट में दिखाया जाएगा। न तो किसी के पक्ष में साक्ष्य बढ़ाया जाएगा और न ही घटाया जाएगा। बताया कि सर्वे के दौरान दोनों पक्षों ने शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में सहयोग प्रदान किया।
शिवलिंग का आकार परिवर्तित करने का प्रयास किया गया था
डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि पूर्व में शिवलिंग का आकार परिवर्तित करने का प्रयास किया गया था। नंदी के ठीक सामने शिवलिंग मिला है ऐसे में पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग को बल मिला है।
सनातन हिंदू परंपरा को मिला पौराणिक संदेश: केशव मौर्या
इस मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है।
सिर्फ 20 लोग ही नमाज के लिए जा सकते हैं, कल होगी सुनवाई
कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब सिर्फ 20 लोग ही नमाज के लिए जा सकते हैं। कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे तीन दिन और कुल 10 घंटे चला। कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र कल सर्वे रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इसके बाद अदालत तय करेगी कि ज्ञानवापी का सच क्या है?