मंगलौर में मस्जिद के नीचे 'मंदिर' मिलने का दावा, सर्वे कराने की मांग

मंगलौर में मस्जिद के नीचे 'मंदिर' मिलने का दावा, सर्वे कराने की मांग

बेंगलुरु, देश में मंदिर-मस्जिद वाला विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। जो जंग उत्तर प्रदेश के ज्ञानवापी मस्जिद से शुरू हुई थी, अब उस विवाद की आग कर्नाटक तक पहुंच गई है। कर्नाटक के मंगलौर में एक पुरानी मस्जिद के नीचे कथित तौर पर हिंदू मंदिर जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन मिलने का दावा हुआ है। वहां पर अब विश्व हिंदू परिषद एक अनुष्ठान करने जा रहा है। इस वजह से बुधवार रात आठ बजे से इलाके में धारा 144 लागू कर दी जाएगी।

विहिप कर रहा खास अनुष्ठान की तैयारी 
वैसे विश्व हिंदू परिषद तो खास अनुष्ठान की तैयारी कर रहा है, लेकिन बीजेपी ने यहां भी सर्वे करवाने की मांग उठा दी है। कहा गया है कि इस मस्जिद का ASI द्वारा सर्वे करवाना चाहिए, तभी सच्चाई सामने आ पाएगी। अभी के लिए लोकल कोर्ट ने उस मस्जिद के मरम्मत का काम रुकवा दिया है।

मरम्मत के दौरान मिला स्ट्रक्चर 
जानकारी के मुताबिक, मंगलौर के बाहरी इलाके गुरुप्रा तालुक में ये पुरानी मस्जिद है। यहां मलाली मार्केट में मस्जिद परिसर में मरम्मत का काम चल रहा था। मस्जिद के एक हिस्से को पहले की गिरा दिया गया था। 21 अप्रैल को नीचे का मलबा हटाया गया तो स्ट्रक्चर देखने को मिला। लेकिन अब कोर्ट ने उस मरम्मत को ही रोक दिया है। वीएचपी मांग कर रही है कि उन्हें उनका मंदिर वाला इलाका वापस दिया जाए।

देश की हर मस्जिद का सर्वे होना चाहिए: बीजेपी विधायक 
बीजेपी विधायक भारत शेट्टी तो जोर देकर कह रहे हैं कि हिंदुओं के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और अब देश की हर मस्जिद का सर्वे होना चाहिए। वे कहते हैं कि ज्यादातर मस्जिदें मंदिर के ऊपर ही बनाई गई हैं। आज की पीढ़ी को पता चलना चाहिए कि हो क्या हो रहा है। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन हर बार मुस्लिमों का 1991 वरशिप एक्ट के पीछे छिपना भी ठीक नहीं। एक बार हर मस्जिद का सर्वे करवा देना चाहिए। हमे मस्जिद की कोई जमीन नहीं चाहिए, बस सच सामने आना चाहिए।

बीजेपी कर्नाटक का नाम खराब कर रही: डीके शिवकुमार  
लेकिन इन मांगों के बीच विपक्ष इसे नफरत वाली राजनीति बता रहा है। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा है कि बीजेपी कर्नाटक का नाम खराब कर रही है। मंगलुरू निवेश के लिए उपयुक्त जगह है, लेकिन ऐसे विवाद व्यापार पर गलत असर डालेंगे।