करौली व सवाईमाधोपुर को पांचना बांध से सिंचाई का पानी देने के लिए करेंगे प्रयास: मंत्री सुरेश सिंह रावत

करौली व सवाईमाधोपुर को पांचना बांध से सिंचाई का पानी देने के लिए करेंगे प्रयास: मंत्री सुरेश सिंह रावत

जयपुर। मंत्री सुरेश सिंह रावत ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि कानून व्यवस्था संबंधी कारणों से करौली एवं सवाईमाधोपुर के किसानों को पांचना बांध से सिंचाई का पानी अब तक नहीं दिया जा सका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आपसी समझाइश से मामले को सुलझाने के प्रयास किये जाएंगे। 

जल संसाधन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पांचना बांध से करौली एवं सवाई माधोपुर जिले में 9 हजार 985 हैक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए कमाण्ड क्षेत्र के काश्तकारों द्वारा उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई। इस संबंध में न्यायालय द्वारा इस क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के आदेश दिये गए। कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण इस आदेश की पालना नहीं की जा सकी। इसके अतिरिक्त गंभीर नदी बचाओ समिति द्वारा भी एक रिट याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई है। वर्तमान में दोनों ही याचिकाएं संयुक्त रूप से उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर नदी को पुनर्जीवित करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा विचार किया जाएगा। 

श्री रावत ने कहा कि संशोधित पार्वती काली सिंध चम्बल लिंक परियोजना के अन्तर्गत 30 मध्यम एवं वृहद परियोजनाओं में पानी अपवर्तित किये जाने के साथ ही चैनल कैनाल के आस पास के अन्य तालाबों एवं बांधों में भी तकनीकी उपादेयता के अनुसार पानी भरा जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि परियोजना की डीपीआर केन्द्र सरकार के उपक्रम राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण द्वारा तैयार की जा रही है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही तालाबों और बांधों के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। 

इससे पहले विधायक श्रीमती ऋतु बनावत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में भरतपुर जिले से होकर बहने वाली गंभीर नदी एक बारहमासी नदी न होकर बरसाती नदी है। वर्तमान में करौली जिले में स्थित पांचना बांध के बरसात के दौरान ओवरफ्लो होने पर पानी छोड़े जाने अथवा नदी के पांचना बांध के डाउन स्ट्रीेम के जल ग्रहण क्षेत्र से सृजित सतही जल प्रवाहित होने पर भरतपुर जिले में इस नदी में बहाव होता है। उन्होंने विगत वर्षों के दौरान भरतपुर जिले में बहे पानी के अधिकतम गेज का विवरण सदन के पटल पर रखा।