धनतेरस पर खरीदी का महामुहूर्त, बाजारों में दिखेगी रौनक

भोपाल। रवि-पुष्य के संयोग के बाद खरीदी का दूसरा महामुहूर्त धनतेरस शुक्रवार को होगा। इस दिन चित्रा नक्षत्र और प्रति योग में शुभ मुहूर्त में भूमि-भवन में निवेश के साथ सराफा और बर्तन बाजार मे भी खरीदारी होगी। ज्योतिर्विदों के अनुसार इस दिन वाहन और इलेक्ट्रानिक उपकरणों की खरीदारी के साथ देवी महालक्ष्मी के आगमन के अवसर पर साज-सज्जा की सामग्री भी समृद्धि प्रदान करेगी। इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
धनतेरस में प्रदोषकाल में तिथि की मौजूदगी का विशेष महत्व
पं. कमलेश जोशी ने बताया कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी शुक्रवार को दोपहर 12.35 से 11 नवंबर को दोपहर 1.57 बजे तक रहेगी। धनतेरस में प्रदोषकाल में तिथि की मौजूदगी विशेष महत्व रखती है, इसलिए 10 नवंबर को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस से पांच दिनी दीप पर्व की शुरुआत भी होती है। इस दिन को धन त्रयोदशी और आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य दिवस है। इस दिन कुबेर और भगवान धन्वंतरि के पूजन के साथ बर्तन की खरीदारी की परंपरा है। इस दिन शाम को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए दीपदान भी होगा।
चौघडिया अनुसार मुहूर्त
- चर: सुबह 6.36 से 7.59 और शाम 4.20 से 5.44 बजे तक।
- लाभ: सुबह 8 से 9.23 बजे तक और रात 8.57 से 10.33 बजे तक।
- अमृत: सुबह 9.23 से 10.46 बजे तक।
- शुभ: दोपहर 12.10 से 1.33 बजे तक।
स्थिर लग्न
-वृश्चिक: सुबह 7.10 से 9.13 बजे तक।
- कुंभ: दोपहर 1.18 से 2.51 बजे तक।
- वृषभ: शाम 6.03 से रात 8.01 बजे तक।
श्रेष्ठ से मुहूर्त
- सुबह 8 से 10.46 बजे तक।
- शाम 6.03 से रात 8.01 बजे तक।