कल से लग रहा हैं मृत्यु पंचक, जानें क्या करें और क्या ना करें

कल से लग रहा हैं मृत्यु पंचक, जानें क्या करें और क्या ना करें


भारत देश में वैदिक ज्योतिष की बहुत मान्यता है। हमारा जीवन और इससे जुड़े पर्व सभी ज्योतिष के ही आधार पर तय होते हैं। वैदिक ज्योतिष में ग्रह-नक्षत्रों का बहुत विचार होता है। इनमें पंचक का भी बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। पंचक के दौरान बहुत से कार्यों को करने की मनाही होती है। आइए जानते है कि क्या होते हैं पंचक और किन कामों को इनके दौरान नहीं करन चाहिए…

पहले पंचक को समझें
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा एक राशि में ढाई दिन तक रहता है। जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में संचार करता हैं तो यह काल ढाई और ढाई मिलकार पांच दिन का हो जाता है। इस दौरान इन पांचों दिनों में धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रवेती नक्षत्र होते हैं। इन्हें अशुभ नक्षत्र माना जाता है और इस पांच दिन के काल को पंचक कहा जाता है।

दिन के अनुसार प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार, सभी पंचकों का प्रभाव अलग होता है। कौन-सा पंचक क्या प्रभाव देगा यह इस हिसाब से तय होता है कि पंचक की शुरुआत किस दिन हुई है। रविवार से शुरू होनेवाला पंचक रोग पंचक कहलाता है। सोमवार से राजपंचक, मंगलवार से अग्नि पंचक, बुध और गुरुवार से शुरू अशुभ पंचक, शुक्रवार से शुरू चोर पंचक और शनिवार से शुरू पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है।

शुभ भी होते हैं पचंक
सोमवार से शुरू राज पंचक को शुभ पंचक माना जाता है। वहीं शनिवार से शुरू होने वाले मृत्यु पंचक को सबसे अधिक अशुभ माना जाता है। इन पांचों दिनों के दौरान शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।

पंचक के दौरान न करें
पंचक के दौरान घणिष्ठा नक्षत्र के समय में घास, लकड़ी, ईंधन इत्यादि एकत्रित नहीं करने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से अग्नि लगने का भय रहता है।

पंचक के दौरान मृत्यु होने पर
पंचक के दौरान किसी की मृत्यु होना शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा होने पर परिवार, कुटुंब या रिश्तेदारी में बड़ी जन हानि हो सकती है। इससे बचने के लिए शव का अंतिम संस्कार करते समय कुशा का एक पुतला बनाकर उसका भी शव के साथ संस्कार करने का विधान है।

न करें इस दिशा की यात्रा
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करना निषेध माना गया है। मान्यता है कि यह यम की दिशा होती है, जो मृत्यु के देवता है। ऐसे में हानि की संभावना रहती है।

नहीं डलवाना चाहिए लिंटर
कहते हैं पंचक के दौरान यदि रेवती नक्षत्र हो और आपके घर का निर्माण कार्य इस दौरान चल रहा हो तो इस दिन घर की छत बनाने से बचना चाहिए। अन्यथा धन हानि और क्लेश का भय रहता है।

न खरीदें न बनवाए पलंग
पंचक के दौरान घर के लिए नई वस्तुएं खरीदने से बचना चाहिए। खासतौर पर लोहे और लकड़ी की वस्तुएं। पंचक के दौरान बेड खरीदने और बनवाने से बचना चाहिए।