आखिरी मौका, विधायक सुधारें अपना परफार्मेंस वरना पार्टी करेगी फैसला: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक दस महीने पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले विधायकों का टिकट कटेगा। कांग्रेस संगठन और सरकार ने विधायकों के कामकाज को लेकर पिछले चार साल में चार सर्वे कराया है। इन सर्वेक्षणों में करीब 30 प्रतिशत विधायकों का प्रदर्शन बेहद कमजोर पाया गया है। सर्वे के आधार पर विधायकों को प्रदर्शन सुधारने का अवसर दिया गया था। भेंट मुलाकात कार्यक्रम में सिहावा विधानसभा क्षेत्र रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि अगर विधायकों की स्थिति सुधरेगी, तब तो टिकट बच जाएगा, अगर सुधार नहीं हुआ तो उनके टिकट का फैसला पार्टी करेगी।
अब तक प्रदेश की 60 90 विधानसभा सीट पर भेंट मुलाकात पूरी कर ली
मुख्यमंत्री ने बताया कि विधायकों को लगातार बताया जा रहा है कि उनको किस तरह अपना प्रदर्शन सुधारना है। उनको क्षेत्र में मजबूत स्थिति में किस तरह का काम करने की जरूरत है। अगर स्थिति सुधरेगी तो किसी का टिकट क्यों काटेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं का फायदा लोगों को मिल रहा है। पार्टी की बात करें तो विधानसभा के पांच उपचुनाव हुए, हमने जीते। लिटमस टेस्ट तो यही है कि नगरीय निकाय चुनाव में क्या रिजल्ट रहा। उपचुनाव में रिजल्ट क्या रहा। यह सारे चुनाव हम जीते हैं। जहां तक अगले चुनाव में विधानसभा उम्मीदवार की बात है, तो अभी तो भेंट-मुलाकात का कार्यक्रम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने अब तक प्रदेश की 90 विधानसभा सीट में से 60 पर भेंट मुलाकात पूरी कर ली है।
पहली बार के विधायकों का प्रदर्शनकाफी कमजोर
प्रदेश मे वर्तमान में कांग्रेस के 71 विधायक हैं। 35 विधायक पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इनमें से मैदानी इलाकों के विधायकों का प्रदर्शन काफी कमजोर पाया गया है। इन विधायकों को तीसरी श्रेणी में रखा गया है। इनके बारे में कहा गया है कि यदि ये अपने प्रदर्शन में सुधार नहीं कर पाते हैं तो चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। सूत्रों की मानें तो सर्वे में कुछ वरिष्ठ विधायकों के प्रति भी क्षेत्र में नाराजगी सामने आई थी, जिसे सुधारने के लिए संगठन और सरकार की तरफ से सुझाव दिया गए थे।
चार श्रेणी में विधायकों को दिया गया था अंक
सर्वे में विधायकों को चार श्रेणी में रखा गया था। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पहली श्रेणी में उन विधायकों को रखा गया था, जिनके क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है और जनता में नाराजगी का स्तर सबसे कम है। इस श्रेणी में 15 से ज्यादा विधायक आए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इस श्रेणी में दो मंत्री शामिल नहीं हैं। इसका तात्पर्य यह है कि दो मंत्रियों के प्रति भी क्षेत्र में नाराजगी देखने को मिली थी। दूसरी श्रेणी में ऐसे विधायक हैं, जिनको दोबारा टिकट दिया जाए, तो वह भाजपा उम्मीदवार को आसानी से पटखनी दे सकते हैं। इस श्रेणी में 26 से ज्यादा विधायक आए थे।
भाजपा सिर्फ 25 सीट पर मजबूत
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने भी आंतरिक सर्वे कराया है। नए प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के आने के बाद हुए सर्वे में पार्टी की सिर्फ 25 सीट पर मजबूत स्थिति नजर आ रही है। बस्तर और सरगुजा में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का खाता नहीं खुला था, लेकिन ताजा सर्वे में इन दोनों स्थानों में 12 सीट पर स्थिति बेहतर पाई गई है। मैदानी इलाकों में बिलासपुर संभाग में स्थिति बेहतर है, लेकिन दुर्ग संभाग में इस बार सीट की संख्या बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। सर्वे में रायपुर संभाग में भी पांच से सात सीट पर बेहतर प्रदर्शन की जानकारी सामने आई है।