म.प्र. सरकार आमजनता को लूट रही है - प्रदेश सचिव संजय सिंह परिहार
म.प्र. सरकार आमजनता को लूट रही है - प्रदेश सचिव संजय सिंह परिहार
बढ़ते बिजली बिल एवं विद्युत की समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन
मण्डला - ब्लाक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण बम्हनी बंजर अध्यक्ष बेनीश्याम राय द्वारा विद्युत बिल में बड़ोत्तरी को लेकर सहायक कनिष्ठ अभियंता म.प्र. विद्युत कम्पनी महाराजपुर के सामने म.प्र. कांग्रेस कमेटी के सचिव संजय सिंह परिहार के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया। म.प्र. कांग्रेस कमेटी के सचिव संजय सिंह परिहार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेन्द्र राजपूत, ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बेनीश्याम राय ने संबोधित करते हुए कहा कि विगत 1 वर्ष से कोरोना काल के कारण आमजनता की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर हो चुकी है लोगों का जीवनयापन करना मुश्किल हो चुका है। लगातार विद्युत बिल, पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेन्डर, खाने के तेल में बड़ोत्तरी हो रही है। आमजनता वर्तमान सरकार से त्रस्त हो चुकी है उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस शासनकाल में इंदिरा ज्योति योजना व इंदिरा किसान ज्योति योजना के माध्यम से उपभोक्ताओं को भारी रियायतें दी गई थी। इंदिरा गृह ज्योति योजना के अंतर्गत 150 यूनिट तक की खपत वाले उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत हेतु 100रूपये के बिल दिये गये थे व इस योजना से प्रदेश के लगभग 105 लाख से अधिक उपभोक्ता (90ः) लाभांवित हुए थे। इसी तरह इंदिरा किसान योजना के अन्तर्गत 10 एच.पी. तक के किसानों के बिल को आधा किया गया था, जिससे लगभग 23 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिला। कांग्रेस शासनकाल में जहां निरन्तर प्रदेश वासियों के हित में कार्य किये गये थे। वहीं वर्तमान शासन में उपभोक्ताओें को निरन्तर बढ़े बिल दिये जा रहे है। कर्मचारियों द्वारा मनमाने ढंग से रीडिग लेकर उपभोक्ताओं को बढ़े बिल देकर परेशान किया जा रहा है । कांग्रेस शासनकाल में गलत बिलों में सुधार हेतु प्रदेश भर में 1210 समितियां गठित कर जन भागीदारी सुनिश्चित की थी। ताकि उपभोक्ताओं के गलत बिल पर समय पर निराकरण किया जा सकें। वर्तमान में बिजली कम्पनी द्वारा उक्त समितियों की बैठक नहीं की जा रही है। जिसके कारण उपभोक्ताओं को गलत बिल जमा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के समय भी गरीब उपभोक्ताओं को बिल माफ करने का आश्वासन देकर बिल केवल स्थगित किये गये थे बाद में जिनकी वसूली हेतु उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा था। कांग्रेस शासनकाल मंे इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 135/138 को निरस्त कराने हेतु कार्यवाही प्रांरभ भी की थी, किन्तु वर्तमान शासन द्वारा इसे हथियार बनाकर गरीब उपभोक्ताओं एवं किसानों के घरेलू समान, वाहन इत्यादि की कुर्की की जा रही है। बिजली कम्पनी ने केवल भोपाल मेें ही 42 टेªक्टर, 120 वाईक, 150 पानी की मोटर व अन्य सामग्री कुर्क की है। छतरपुर मालगंुवा मे तो चक्की संचालक श्री मुर्नेद राजपूत द्वारा कुर्की के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा कांग्रेस शासनकाल में कहा था कि किसी भी बिजली वाले को कनेक्शन नहीं काटने देना यदि किस की बिजली कट भी कई तो मैं आके उसे जोड़ दूंगा उन्हीं के शासन काल में बकाया राशि के कारण किसानों के कनेक्शन काटे जा रहे है व कुर्की की जा रही है, और उपभोक्ता फांसी लगाने पर मजबूर है। बिजली की लाईनों, ट्रांसफार्मर व सब स्टेशनों के रख रखाव की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है रख रखाव के नाम पर 6-6 घण्टे बिजली बंद रखने के बाद भी ट्रिपिंग की संख्या बढ़ती जा रही है, एवं रख रखाव के नाम पर लीपा पोती की जा रही है। रख रखाव हेतु कर्मचारियों की एवं सामग्री की व्यवस्था नहीं है, एक बार खराबी आने पर उसे ठीक करने मंे 10-10 घण्टे लग रहे है। प्रदेश में ट्रांसफार्मर फेल होने की संख्या बढ़ती जा रही है व बिजली केन्द्र के द्वारा एक-एक साल मे ंखराब ट्रांसफार्मर नहींे बदलने के कारण उपभोक्ताओं में असंतोष व्याप्त है । बिजली कम्पनियों के पास ट्रांसफार्मर की व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं है । उपभोक्ताओं को अपने वाहन से ट्रांसफार्मर बदलने के लिए ले जाना पड़ता है। हमारे शासनकाल में किसानों द्वारा स्व्यं के वाहन से ट्रांसफार्मर ले जाने पर भुगतान की व्यवस्था की गई थी जो कि वर्तमान में पूरी तरह बंद है। राजगढ़ में भुगतान करने में एक साल बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं बदले गये। कांग्रेस शासनकाल में जनहित में लिये निर्णयों जैसे कि जानवर मृत होने पर राजस्व पुस्तिका 6/4 के नियम अनुसार प्रति जानवर मुआवजे का 25 हजार तक का प्रावधान किया गया था किन्तु वर्तमान में विद्युत कंपनियों द्वारा इस संबंध में कोई भुगतान किया जा रहा है और न ही कोई कार्यवाही की जा रही है। मध्यप्रदेश पांवर जनरेशन कम्पनी की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। जिस पर सरकार का ध्यान ही नहीं है। जानबूझ कर शासकीय ईकाईयां बदं की गई है सिंगाजी की ईकाई क्रं. 03 एक साल में भी शुरू नहीं हुई और यूनिट क्रं. 04 भी बदं हो गई। आज युनिट तीन के बंद होने की बरसी है। वर्तमान में मांग से अधिक उत्पादन कर्ताओं से अनुबंद कर रखे है । जिसके कारण बिना विद्युत प्रदाय के भी भुगतान करना पर रहा है। वही रख रखाव की कमी के कारण जनरेशन प्लाट समय-समय पर बंद होते रहते है अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई क्रमांक 03 एवं 04 खराब पड़ी है। एवं पूरे वर्ष में उक्त इकाईयों द्वारा केवल क्रमांक 03 एवं 04 माह की विद्युत का उत्पादन किया गया है। जिसके कारण लगभग 500 करोड़ यूनिटों का उत्पादन नहीं हो पाया और 02 हजार करोड़ रूपयों से अधिक का नुकसान हुआ है। जिसके कारण विद्युत वितरण कम्पनी को ओवरड्राॅल के कारण अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। पाॅवर जनरेशन कम्पनी को लम्बे समय से देयकों पूरा भुगतान नहीं किया जा रहा है । जिसके कारण रख रखाव तो प्रभावित हो ही रहा है । व टूट-फूट भी बढ़ रही है। विगत वित्तीय वर्ष में विभिन्न जल विद्युत गृहों में खराबी आने के कारण लगभग 50 करोड़ यूनिट का उत्पादन नहीं हो पाया है एवं सुधार कार्य में 35 करोड़ रूपये व्यय करने पड़े। यदि समय पर उत्पादन केन्द्रों का रख रखाव किया जाता तो जनरेंटिग कम्पनी को अनावश्यक व्यय नहीं करना पड़ता है। विभिन्न कोयले कम्पनी द्वारा जनरेटिग कम्पनी को निर्धारित से कम ग्रेड का कोयला प्रदाय किया जा रहा है। बड़े-बड़े पत्थर कोयले के साथ प्रदाय हो रहे है। जिस पर उचित ध्यान न देने पर जनरेटिंग स्टेशन की उत्पादन क्षमता में कमी आ रही है, व टूट-फूट भी बढ़ गई है। विद्युत जनरेटिंग प्लाट जैसे सारणी, अमरकंटक आदि के विस्तार हेतु 7000 करोड़ की आवश्यकता है जबकि इनको बजट में 100 करोड़ रूपये भी आवंटित नहीं किये गये है। मध्यप्रदेश पाॅवर ट्रांसमिशन कम्पनी के अंतर्गत विद्युत हानि को कम करने हेतु अनेक नवाचार किये जा रहे थे जैसे कि अधिक क्षमता के तारों का उपयोग करना जिससे विद्युत हानि में कमी आती है व ट्रांसमिशन की क्षमता भी बढ़ती है। ट्रांसमिशन लाईनों में उक्त हानि को कारण राज्य की सीमा से विद्युत वितरण कम्पनी तक बिजली लाने मंे 50 पैसे प्रति यूनिट की लागत बढ़ जाती है। किन्तु वर्तमान में ट्रांसमिशन कम्पनी द्वारा नवाचारों पर ध्यान नहंीं दिया जा रहा है। केन्द्र शासन द्वारा वर्ष 2019 में कुसुम योजना का आरम्भ किया गया था, किन्तु शिवराज सरकार द्वारा जो लाभ होना था, उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई और योजना को दबाकर बैठे मुख्यमंत्रीआज दो साल बाद इसे मुख्यमंत्री योजना का नाम देकर पर्ची चिपकाओं योजना बना रहे है। मुख्यमंत्री को जबाव देना चाहिए कि कुसुम योजना पर दो साल से कोई काम क्यों नहीे हुआ ? आज योजना का नाम बदलकर वोटों की खेती करने का षड्यंत्र क्यों कर रहे है। भाजपा शासनकाल में सौभाग्य योजना के भारी भ्रष्टाचार किया गया जिसमें करोडों रूपये का लेने-देन हुआ है। मण्डला, डिण्डौरी, सिंगरोली, झाबुआ, अलीराजपुर, भिण्ड व मुरैना मेें भ्रष्टाचार की शिकायते प्राप्त हुई है । जिनकी जांच की जानी थी, किंतु शासन द्वारा केवल मण्डला व डिण्डौर की जांच कर मामले की लीपा पोती की जा रही है। भ्रष्ट अधिकारियों को वरिष्ठ पद पर प्रभार देकर उपक्रत किया जा रहा है। केवल मण्डला, डिण्डौरी और जबलपुर संभाग में 64 करोड से अधिक भ्रष्टाचार हुआ है। यदि सभी जिलों में जांच करायी जाये तो उक्त घोटााला सैकड़ों करोड़ का निकलेगा। इस घोटाले की जांच हेतु विधानसभा में 05 मार्च 2021 को आधे घण्टे की चर्चा हेतु समय नियत किया गया था किन्तु सत्ता पक्ष द्वारा इस पर चर्चा नहीं होने की दी गई। शासन द्वारा उपभोक्ताओं को दी जा रही सबसिडी का भुगतान विद्युुत वितरण कम्पनी को नहीं किया जा रहा है। जो कि बढ़कर राशि 24000करोड़ हो गई है जिसके कारण विद्युत वितरण के द्वारा के द्वारा रख रखाव, नई लाईने व उपकेन्द्र बनाने के कार्य नये ट्रांसफार्मर लगाये जाने के कार्य इत्यादि नहीं किये जा रहे है नये कार्य नहीं होने से प्रणाली पर भार बढ़ता जा रहा है । एवं बार-बार व्यवधान हो रहे है। समय पर जेनरेटरों का भुगतान नहीं हो पा रहा है जिसके कारण अधिकारियों व कर्मचारियों पर वसूली हेतु रबाव बढ़ाकर उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है। बढ़ते दवाब के कारण अधिकारियोें व कर्मचारियेां की मानसिक स्थिति खराब होती जा रही है। व दुर्घटना बढ़ रही है । विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा किसानों को सीधे सब्सिडी प्रदाय करने की नाम पर (डारेक्ट बेनीफिट ट्रान्सफर स्कीम) धोखा दिया जा रहा है। इस योजना में शासन द्वारा किसानों के खातें में पैसा जमा करत ही विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा तुरंन्त ही निकाल लिया जाता है। जिससे किसानों के खातंे में उक्त राशि की इन्ट्री नहीं आ पाती है। एवं किसान को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाता है। महाराजपुर वितरण केन्द्र के अंतर्गत ग्राम सुभरिया के ट्रांसफार्मर कापी पुराना होने के कारण बारिश के मौसम मेें लगातार लाईट बंद होने की शिकायत ग्रामीणजनों के द्वारा की जाती है । साथ मलपठार पौड़ी बढ़ार और कुर्सी पार में लाईन मेनों नहीं होने से क्षेत्र के लोगोें कोक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत जारगी के अंतर्गत ग्राम कुटेली में एक वर्ष से ट्रांसफार्मर खराब है। सिर्फ एक फेस से ग्राम की व्यवस्था चल रही है। जिससे लोगों को असुविधा होती है। साथ ही कुर्सीपार छेत्र की विद्युत की समुचित व्यवस्था के लिए हैट क्वाटर बनाकर लाइन मेंन पदस्थ किया गया है। जो कभी कभार छोड़कर अनुपस्थित रहता है। घाघा क्षेत्र में लगभग 12 गांव है जिनकी दूरी महाराजपुर से लगभग 20-25 किलोमीटर है जिससे विद्युत की छोटी छोअी समस्याओं से बिजली कई कई दिनों बंद रहती है। क्योंकि दूरी के कारण लोगों को जानकारी देने में समय लगता है। इसलिए एक लाइन कर्मचारी को हेडक्वाटर बनाकर पदस्थ किया जाए। ताकि समुचित व्यवस्था बन सखें। ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत लाइनों में बारिश के पहले होने वाला मेंटेनेस नहीं किया जाता है। जिससे बरसात के दिनों में पेड़-पौधों की बड़ी हुई डालियों से तार टकराकर बिजली गुम हो जाती है। जिससे ग्राम वासी परेशान होते रहते। अतः लाइनों का रखरखाव ठीक ढंग से किया जावें। विद्युत उपभोक्ताओं के मीटर रीडिंग हर माह निर्धारित तारीख पर की जाये ताकि लोग यूनिट क्रेडिट बिल के लाभ से वंचित न हो पाए। इन सब विषयों को लेकर महामहिम राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सहायक कनिष्ठ अभियंता, विद्युत विभाग, महाराजपुर को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान म.प्र. कांग्रेस कमेटी के सचिव संजय सिंह परिहार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेन्द्र राजपूत, ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बेनीश्याम राय, पार्षद दिपेश बाजपेयी, जिला महांमत्री धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, नगर अध्यक्ष ऋषि पाण्डेय, मुरारी मरावी, डाॅ. सुनील राय, मण्डलम् अध्यक्ष पंचम नरेती सुरेन्द्र साहू, हम फांउडेशन अध्यक्ष राजेश मिश्रा, प्रहलाद वरकड़े, ज्ञान प्रकाश, दादा मिस्तर धुर्वे, सिमाने नरेती, जागेश्वर उलारी, मोहन मरावी, राकेश उइके, नीरज आर्मो, बंसत रजक, रोहणी स्वरूपा, सहित कांग्रेस जन उपस्थित रहे।