मामा बने मास्टर, लगाई माडल क्लास, बच्चों को पढ़ाया तिरंगें का इतिहास
भोपाल। भोपाल के मॉडल स्कूल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों की क्लास ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज टीचर के रोल में नजर आए। छात्रों को आजादी और तिरंगे का इतिहास पढ़ाया। ये वही स्कूल है जिसमें शिवराज सिंह चौहान खुद पढ़े हैं। पाठशाला के दौरान स्टूडेंट के सवालों का जवाब भी शिवराज सिंह चौहान ने दिया।
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तिरंगे का इतिहास और उसकी बारीकियां बताईं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीटी नगर स्थित मॉडल स्कूल में बच्चों की क्लास ली। उन्होंने आजादी से लेकर तिरंगे का इतिहास तक छात्रों को पढ़ाया। उसकी बारीकियां बताईं। इस दौरान कई अलग-अलग स्कूलों के वर्चुअली जुड़े छात्रों ने उनसे सवाल भी किए। शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों के जवाब दिए।
पढ़ाई के साथ खूब खेलो-कूदो
शिवराज ने अपनी पाठशाला में कहा मेरे बच्चों, आप पढ़ाई के साथ खूब खेलो-कूदो भी। खेलना केवल मेडल के लिए, स्वास्थ्य और आनंद के लिए भी खेलना चाहिये। इसके साथ ही राष्ट्र और समाज की उन्नति में योगदान देने वाले कार्य भी करें।
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अंग्रेजों ने फूट डालो राजनीति कर देश को गुलाम बना लिया
सीएम ने बच्चों से कहा आपस में गुट के कारण देश गुलाम रहा।कुछ ऐसे देश जिनकी हमेशा दूसरों की संपत्ति पर नजर रहती थी। अंग्रेज व्यापारी बनकर आये उस समय राजा महाराजा आपस में लड़ रहे थे। इस वजह से अंग्रेजों ने फूट डालो राजनीति कर देश को गुलाम बना लिया।
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1857 की क्रांति का जिक्र भी किया
सीएम शिवराज सिंह ने 1857 की क्रांति का जिक्र भी किया। उन्होंने याद किया कि मंगल पांडे ने देश की पहली लड़ाई लड़ी। 23 साल की उम्र में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने लड़ाई लड़ी। भीमा नायक टंट्या मामा ने भी लड़ाई लड़ी। कई क्रांतिकारी मारे गए। एक तरफ हाथ जोड़कर आंदोलन था तो दूसरी तरफ कुछ क्रांतिकारी शस्त्र उठा रहे थे। जलियांवाला बाग कांड के बाद उधम सिंह ने जनरल डायर को मार कर बदला लिया।
श्रमिकों की मजदूरी बढ़वाने के लिए आंदोलन किया
सीएम शिवराज ने बताया कि बचपन में श्रमिकों की मजदूरी बढ़वाने के लिए आंदोलन किया और मजदूरों के साथ नारा लगाया - ढाई पाई नहीं, पांच पाई लेंगे, नहीं तो काम नहीं करेंगे। लोगों का जीवन बदलने की मन में तड़प थी। इसलिए सेवा को ध्येय बना लिया।
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सम्मानपूर्ण स्थान पर तिरंगा फहराया जाए
घर घर तिरंगा अभियान के लिए उन्होंने कुछ बातें भी ध्यान रखने के लिए कहा। सीएम शिवराज ने बच्चों से कहा–तिरंगा फहराते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सम्मानपूर्ण स्थान पर तिरंगा फहराया जाए। नए प्रावधान के तहत अब देश के नागरिक झंडा दिन के साथ रात में भी फहराया सकते हैं। सूर्यास्त के समय झंडा उतारना अनिवार्य नहीं है। 13 से 15 अगस्त तक झंडा फहराया जाएगा। जब तिरंगा फहराएं तो उत्साह, आनंद और स्फूर्ति के साथ फहराना है। जब झंडा उतारें तो धीरे-धीरे आदर और सम्मान के साथ उतारें। जब बिगुल की आवाज के साथ झंडा फहराएं तो बिगुल की आवाज के साथ ही झंडा उतारें।
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यहां कई क्रांतिकारी हुए
सीएम शिवराज सिंह ने इस मौके पर मप्र के शहीद क्रांतिकारियों को भी याद किय। यहां कई क्रांतिकारी हुए, शहीद हुए, जेल गए। ऐसा नहीं है कि हमने लड़ाई नहीं लड़ी। हम लड़े लेकिन अलग-अलग। एक तरफ अहिंसक आंदोलन और दूसरी तरफ ऐसे क्रांतिकारी भी थे जिनका मानना था कि अंग्रेज बिना हथियार उठाए देश से नहीं जाएंगे। चंद्रशेखर आजाद का जन्म मप्र में हुआ था। पंडित राम कुमार बिस्मिल मुरैना जिले के थे।
हमारे ग्रंथ दुनिया के कई देशों में गए
आखिर में सीएम शिवराज ने कहा–तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय हमारे यहाँ थे। यहां पढ़ने दुनिया के अनेक देशों के विद्यार्थी आते थे। अनेक विदेशी यात्रियों ने इसे इतिहास में लिखा है। हमारे ग्रंथ दुनिया के कई देशों में गए। तब हम राज्यों में अलग-अलग बंटे हुए होते थे लेकिन सांस्कृतिक रूप से भारत एक था। हमें एक रहना है।
बच्चों मामा आपके टीचर हैं
बच्चों की क्लास से पहले सीएम शिवराज ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ''बच्चों, शिवराज मामा आज आपके टीचर हैं। आजादी की लड़ाई में सभी भारतवासियों ने अभूतपूर्व योगदान दिया, कड़ा संघर्ष किया, जिसका सुफल स्वतंत्रता के रूप में मिला। क्या आप तिरंगे व महान क्रांतिकारियों के विषय में रोचक बातें जानना चाहते हैं? तो आज मामा की कक्षा में आना मत चूकियेगा।