इस वर्ष राज्य में लम्पी रोग की कोई पुष्टि नहीं : निदेशक, पशुपालन 

इस वर्ष राज्य में लम्पी रोग की कोई पुष्टि नहीं : निदेशक, पशुपालन 

जयपुर। राज्य सरकार गौवंशीय पशुओं में होने वाले लम्पी रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में लम्पी संभावित जिलों में नमूने एकत्रित कर जाँच के लिए भेजे जा रहे हैं, जिससे समय रहते रोग पर नियंत्रण किया जा सके। विभाग की तरफ से इस रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण की सम्पूर्ण तैयारियां कर ली गयी है।
 पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने    बताया कि गौवंशीय पशुओं में होने वाले लम्पी रोग की रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके लिए समस्त जिला अधिकारियों को रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है एवं शीघ्र ही सम्पूर्ण प्रदेश में व्यापक स्तर पर टीकाकरण का शत प्रतिशत कार्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में किसी भी गोवंशीय पशुओं में  लम्पी रोग की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर लम्पी की रोकथाम एवं नियंत्रण को सुनिश्चित किया जा रहा है।

महंगाई राहत कैम्प में पशुपालकों को किया जा रहा है जागरूक
प्रदेश भर में आयोजित किये जा रहे महंगाई राहत कैम्प में  पशुपालन विभाग द्वारा लम्पी एवं पशुओं में होने वाले अन्य रोगों की रोकथाम के लिए पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है, साथ ही उन्हें विभाग की अन्य योजनाओं से भी अवगत करवाया जा रहा है

बेहतर पशु-पोषण एवं स्वच्छ पर्यावरण से बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता
अतिरिक्त निदेशक खुशीराम मीणा के अनुसार लम्पी रोग की रोकथाम के लिए पशुपालकों को अपने पशुओं को समुचित  चारा- पानी की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे पशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सके, साथ ही दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि हो सकेगी। उन्होंने बताया की पशुओं में किसी भी रोग की रोकथाम के लिए उनके आस पास के वातावरण को स्वच्छ  रखना एवं समय-समय पर कीटनाशक पदार्थीं का छिड़काव करने से रोगों को एक पशु से दुसरे पशुओं में फैलने से रोका जा सकता है।उन्होंने पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि यदि पशुओं में किसी भी प्रकार के प्रारम्भिक लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नजदीकी चिकित्सालय से संपर्क कर पशु का समुचित इलाज अवश्य करवाएं।

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