गणेशजी को लगाएं इन चीजों का भोग, प्रसन्न होंगी लक्ष्मी, घर में होगा सुख समृद्धि का वास
देश में गणेश उत्सव का आरंभ हो चुका है। आगामी 10 दिनों तक गणेश उत्सव की धूम रहने वाली है। इस दौरान गणेशजी की मनपसंद चीजों का भोग लगाया जाता है। कुछ ऐसे भोग हैं, जिनसे श्री गणेश प्रसन्न होते हैं और घर में धन संपत्ति लाभ के साथ—साथ घर में सुख समृद्धि का वास भी होता है।
अनंत चतुर्दशी तक उत्सव
गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक गणेश उत्सव मनाया जाता है।मान्यता है कि पूजा के बाद भोग लगाना जरूरी होता है। हम जानते हैं कि गणेशजी को मोदक तो अति प्रिय हैं लेकिन, इनके अलावा भी कई ऐसी चीजें हैं जो गणेश जी को बहुत पसंद हैं। आप मोदक के साथ साथ उन चीजों का भोग भी गणेशजी को लगा सकते हैं।
गणेश जी को पसंद हैं मोतीचूर के लड्डू
भगवान श्री गणेश को मोतीचूर के लड्डू बहुत ही पसंद हैं। ऐसी मान्यता है कि मोतीचूर के लड्डू अर्पित करने से गणेशजी बहुत जल्दी प्रस्न्न होते हैं और घर परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है।
खीर का भोग लगाएं, आर्थिक समस्याओं से मिलेगी मुक्ति
भगवान गणेश को खीर का भोग लगाने से भगवान गणेश प्रस्न्न होते हैं और आपको आर्थिक समस्याओं से मुक्ति भी दिलाते हैं। ऐसा करने से आपके लिए धन लाभ के योग बनते जाएंगे।
गणेश जी की खास कृपा पाने मोदक का भोग
एक बार युद्ध में गणेशजी का दांत टूटने की वजह से वह कुछ भी खा नहीं पा रहे थे। तब माता पार्वती ने उनके लिए मोदक बनाए। तभी से गणेश जी को मोदक अति प्रिय हैं। ऐसा कहा जाता है कि मोदक का भोग लगाने से गणेशजी की विशेष कृपा व्यक्ति पर होती है।
गणेश जी को पसंद है केले का भोग
किसी भी पूजा पाठ में सभी देवी देवताओं को केले का भोग लगाया जाता है। भगवान गणेश को केला काफी पसंद है। केले का भोग लगाने से सुख समृद्धि का आशीष देते हैं।
गणेश जी को नारियल का भोग लगाने से मां लक्ष्मी का वास होता है
गणेशजी को नारियल का भोग भी लगाया जाता है। दरअसल, नारियल के पेड़ तो कल्पवृक्ष भी कहते हैं। कल्पवृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। इसलिए इस वृक्ष के फल यानी नारियल सभी देवताओं को अति प्रिय हैं। इसका भोग गणेशजी को लगाना से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
भोग लगाने क लिए इन मंत्रों का करें जप
गणेशजी को भोग लगाते समय त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।। मंत्र का जप जरुर करें। ताकी गणेशजी आपके भोग को स्वीकार कर लें।