देश में 841 लोगों की सुरक्षा पर सिर्फ एक पुलिसकर्मी, 5.62 लाख पद खाली

देश में 841 लोगों की सुरक्षा पर सिर्फ एक पुलिसकर्मी, 5.62 लाख पद खाली

महिला पुलिसकर्मियों की संख्या सिर्फ 10.5 प्रतिशत

नई दिल्ली। देश में बेरोजगारी चरम पर है। युवा नौकरी के लिए जमीन आसमान एक किए हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ देश में पुलिस में ही 5.62 लाख पद खाली हैं। अगर सभी राज्य सरकारें पुलिस की भर्ती कर दें तो लाखों युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही, कानून व्यवस्था की स्थिति भी सुधरेगी। गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की ओर से जारी डेटा ऑन पुलिस ऑर्गेनाइजेशन और इंडिया जस्टिस रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए हैं। वही भी चौकाने वाले हैं। रिपोर्ट के अनुसार देश में 841 लोगों पर एक पलिसकर्मी है। रिपोर्ट के अनुसार देश में पुलिसिंग पर प्रति व्यक्ति खर्च साल 2020 में 1039 रुपए तक हो गया, जो 2010 में 445 रुपए ही था। यानी 10 साल में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। 

हर तीसरा थाना कैमरा विहीन
अब भी देश के हर तीसरे थाने में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। यही नहीं, पुलिस फोर्स में 21.4 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। 2019 में 20.3 प्रतिशत पद ही खाली थे। वहीं, देश भर में कुल महिला पुलिसकर्मियों की संख्या सिर्फ 10.5 प्रतिशत है। 2006 में यह आंकड़ा 3.3 प्रतिशत था यानी 15 साल में बमुश्किल 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसी रफ्तार से चले तो 33 प्रतिशत के आंकड़े तक पहुंचने में 33 साल लगेंगे।

मप्र सहित राज्यों में बहुत कम अमला
बिहार, यूपी, प. बंगाल और असम में कांस्टेबल-अफसरों के 25 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली हैं। बिहार में सबसे ज्यादा 41.8 प्रतिशत और उत्तराखंड में सबसे कम 6.8 प्रतिशत पद रिक्त। देश में पुलिसकर्मियों के 5.62 लाख पद खाली हैं। 2020 में कांस्टेबल के 20 प्रतिशत व अफसरों के 32 प्रतिशत पद रिक्त थे, 2019 में 18 प्रतिशत व 29 प्रतिशत थे। बजट, पद, इंफ्रास्ट्रक्चर, वर्कलोड और आरक्षण से जुड़े 18 पैमानों में से सबसे ज्यादा 14 पर केरल खरा उतरा है। गुजरात 11, मप्र, पंजाब और हरियाणा 10-10, बिहार व महाराष्ट्र 8-8, यूपी व राजस्थान 7-7, झारखंड 6, छत्तीसगढ़ सिर्फ 3 पैमानों पर खरा है।

देश में सिर्फ 10.5 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी 
देश का एक भी राज्य पुलिस फोर्स में महिलाओं के लिए आरक्षित पदों पर भर्ती का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया है। देश में सिर्फ 10.5 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं। तमिलनाडु की पुलिस फोर्स में महिलाओं की सबसे ज्यादा 19.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 17.4 प्रतिशत के साथ बिहार दूसरे पर है। इतना ही नहीं, 17,233 थानों में से 10,165 में ही वुमन हेल्प डेस्क है। एकमात्र त्रिपुरा के सभी थानों में वुमन हेल्प डेस्क है। पुलिस बल में जिस रफ्तार से महिलाएं बढ़ रही हैं, उससे 33 प्रतिशत तक पहुंचने में देश को 33 साल लगेंगे।