खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की योजनाओं से बढ़ेगा स्वरोजगार

जयन्त देवांगन, संयुक्त संचालक
सुनील त्रिपाठी, सहायक संचालक
रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार लगातार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और ग्रामीण उद्योगों को गति देने के प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने बड़ा कदम उठाया है। छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा युवाओं और आम नागरिकों को स्वरोजगार तथा उद्यमिता की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (ऑनलाइन) और मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (ऑफलाइन) शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत पात्र आवेदकों को बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिस पर शासन की ओर से अनुदान भी दिया जाता है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, भारत सरकार के खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा प्रायोजित है। इसके अंतर्गत नकारात्मक उद्योगों को छोड़कर किसी भी ग्रामोद्योग इकाई की स्थापना हेतु बैंक ऋण स्वीकृत किया जाता है। योजना के तहत सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये तक और विनिर्माण क्षेत्र में 50 लाख रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी दी जाती है। ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों को 35 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्र के लाभार्थियों को 25 प्रतिशत तक अनुदान का लाभ मिलता है। सामान्य वर्ग के पुरुषों के लिए यह दर क्रमशः 25 और 15 प्रतिशत है। योजना में सामान्य वर्ग के पुरुषों को 10 प्रतिशत तथा अन्य वर्गों एवं महिलाओं को 5 प्रतिशत स्वयं का अंशदान करना अनिवार्य है। ऋण राशि को सात वर्षों में ब्याज सहित आसान किस्तों में चुकाया जा सकता है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और इसके लिए आवेदकों को
https://www.kviconline.gov.in/pmegp/ पोर्टल पर पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, जाति प्रमाणपत्र, अंकसूची, निवास प्रमाणपत्र और प्रोजेक्ट रिपोर्ट अपलोड करनी होगी।
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम राज्य शासन की पहल है। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के ग्रामीण हितग्राहियों के लिए सेवा क्षेत्र में 1 लाख रुपये तक तथा विनिर्माण क्षेत्र में 3 लाख रुपये तक की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जाती है। योजना के तहत 35 प्रतिशत तक अनुदान और मात्र 5 प्रतिशत स्वयं का अंशदान निर्धारित है। ऋण राशि को अधिकतम तीन वर्षों में ब्याज सहित किस्तों में चुकाना होगा। यह योजना पूरी तरह ऑफलाइन है और इसके लिए इच्छुक आवेदक संबंधित जिला के छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में आवेदन जमा कर सकते हैं।
दोनों योजनाओं का मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना, ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देना और हितग्राहियों को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करना है।